पवित्र भूमि में लोगों के बीच शांति के लिए गहन प्यास
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 8 से 15 मई तक आयोजित अपनी होली लैंड की तीर्थयात्रा सफलतापूर्वक
सम्पन्न कर वाटिकन लौट आये हैं। 15 मई को इस्राएल की राजधानी तेलअवीव से रोम लौटते समय
उन्होंने अल एल विमान में पत्रकारों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जोर्डन,
इस्राएल और फिलिस्तीनी प्रदेशों की तीर्थयात्रा ने उन्हें ईसाईयत की जड़ों तक पहुँचाया।
इस यात्रा के तीन अनुभव रहे हैं प्रथम उन्होंने पाया कि ईसाई, मुसलमान और यहूदी नेताओं
में सहयोग और संवाद करने की प्रबल इच्छा है जो राजनैतिक परिस्थितियों से उत्प्रेरित नहीं
लेकिन ईश्वर पर सामान्य विश्वास होने के कारण है। एक ईश्वर पर विश्वास जिसने हम सब की
सृष्टि की है और यह विश्वास करना कि ईश्वर प्रेम हैं और चाहते हैं कि इस संसार में प्रेम
प्रभावी बल हो जिसमें संवाद और सहयोग जरूरी है। संत पापा ने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण
बात है पवित्र भूमि के विभिन्न स्थलों में उन्होंने उत्साह प्रदान करनेवाला कलीसियाई
एकतावर्द्धक माहौल पाया जहाँ भिन्न -भिन्न ख्रीस्तीय समुदाय निवास करते हैं। संत पापा
ने कहा कि तीसरी बात है कि कठिनाईयों के बावजूद लोगों में शांति के लिए गहन प्यास है।