नाज़रेथः शांति की अपील में बेनेडिक्ट 16 वें ने अपनी आवाज़ मिलाई
नाज़रेथ नगर के दूत सन्देश तीर्थ पर गुरुवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने एक अन्तरधार्मिक
प्रार्थना सभा का नेतृत्व कर अपना सन्देश दिया। इस सभा में ख्रीस्तीय नेताओं सहित, मुसलमान,
यहूदी एवं ड्रूज़ियन धर्म के नेता उपस्थित हुए।
नाज़रेथ नगर का दूत सन्देश तीर्थ
वही पुण्य स्थल है जहाँ कुँवारी मरियम को देवदूत द्वारा ईश्वर का सन्देश मिला था कि वे
येसु की माता बनें।
इस पवित्र तीर्थ पर विभिन्न धर्मों के नेताओं को सम्बोधित
कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इस बात को रेखांकित किया कि सभी धर्म इस विश्वास में
भागीदार हैं कि शांति ईश्वर द्वारा मिलनेवाला अनमोल वरदान है।
इस अन्तरधार्मिक
सभा के दौरान एक यहूदी नेता ने बताया कि उन्होंने तीन धर्मों के वाक्यों को मिलाकर एक
शांति की गीत की रचना की थी जो हैं – अरबी भाषा के सलाम, हिब्रू के शालोम और अँग्रेज़ी
के Lord grant us peace अर्थात् प्रभु हमें शांति प्रदान करें"। यहूदी नेता के इस गीत
को सभी धर्मों के नेताओं ने मिलकर गाया। सन्त पापा भी इसमें शामिल हुए। वाटिकन के प्रवक्ता
फादर फेदरीको लोमबारदी ने बाद में कहा कि सन्त पापा इससे आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहे
क्योंकि यह पूर्व नियोजित कार्यक्रम से हटकर था। धार्मिक नेताओं ने एक दूसरे के हाथ पकड़कर
शांति गीत गाया जिससे सम्पूर्ण प्रार्थना सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। विभिन्न
धर्मों के नेताओं के इस कृत्य की सभी समाचार पत्रों में सराहना की गई।
सभा में
सन्त पापा के साथ उपस्थित अमरीकी यहूदी समिति के अध्यक्ष रब्बी डेविड रोज़न ने बाद में
पत्रकारों से कहा, "इस मैत्रीपूर्ण कृत्य ने यह दर्शा दिया है कि धर्म को समस्या के रूप
में नहीं अपितु समाधान के रूप में देखा जाना चाहिये और यह कार्य राजनीतिज्ञों का है कि
वे धार्मिक नेताओं को शांति की खोज हेतु प्रोत्साहन प्रदान करें।"