पवित्रभूमि में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें इस बात पर बल दे रहे हैं कि मध्यपूर्व में
खड़ी की गई सभी दीवारों का ध्वस्त किया जाना चाहिये किन्तु इससे पहले हृदयों के इर्द
गिर्द बनी दीवारों को तोड़ा जाना अनिवार्य है।
बेथलेहेम में, बुधवार को दिये
अपने चारों सन्देशों में, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने फिलीस्तीनीयों की व्यथा के प्रति
सहानुभूति का प्रदर्शन किया तथा उनके लिये एक अलग एवं स्वतंत्र देश की रचना को समर्थन
दिया। साथ ही अपने सन्देशों में उन्होंने लोगों से मनपरिवर्तन की भी अपील की। उन्होंने
कहा कि येसु की जन्मभूमि में, मन परिवर्तन ही दशकों से जारी हिंसा और संघर्ष का समाधान
पाने में सक्षम सिद्ध होगा।
आयदा शरणार्थी शिविर में उन्होंने कहा, "यद्यपि दीवारों
का निर्माण सरलता से हो जाता है, हम जानते हैं कि ये सदा के लिये नहीं रहती। ये ध्वस्त
की जा सकती हैं। तथापि, सबसे पहले, उन दीवारों को ध्वस्त किया जाना आवश्यक है जो हमने
अपने हृदयों के इर्द गिर्द बना रखी है।"
ग़ौरतलब है कि बारम्बार होनेवाले आतंकवादी
आक्रमणों के बाद सन् 2002 में इसराएली सरकार ने फिलीस्तीनी क्षेत्रों को घेर कर आठ मीटर
ऊँची दीवार का निर्माण कर दिया था। सन् 2004 में अन्तरराष्ट्रीय अदालत ने इस दीवार को
अवैध घोषित कर ध्वस्त करने का आदेश दिया था जिसकी अवहेलना कर दी गई है।