जोसफात घाटी में अर्पित ख्रीस्तयाग के दौरान संत पापा का संदेश
संत पापा ने जोसफात घाटी में अर्पित ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए कहा कि ख्रीस्त
जी उठे हैं अल्लेलूइया इन शब्दों से वे सबका आभिवादन करते हैं। उन्होंने कहा कि संत पेत्रुस
के उत्तराधिकारी के रूप में उनके पदचिह्नों पर चल रहे हैं ताकि लोगों के मध्य पुर्जीवित
ख्रीस्त की घोषणा कर सकें और विश्वासियों को अपने पूर्वजों के विश्वास में सुदृढ़ कर
सकें एवं पवित्र आत्मा का वरदान सांत्वना के लिए याचना कर सकें। संत पापा ने कहा कि होली
लैंड के विश्वासियों की कठिनाईयों, निराशा, दुःख और पीड़ा को स्वीकार करना चाहते हैं
जिसे संघर्ष के परिणाम स्वरूप लोगों ने सहा है और अनेक परिवारों ने विस्थापन के कटु अनुभव
पाया है। संत पापा ने कहा कि आज उनकी उपस्थिति एक चिह्न है कि लोगों को नहीं भूला दिया
गया है। उनकी धैर्यपूर्ण उपस्थिति और साक्षी ईश्वर की आँखों में मूल्यवान है। होली लैंड
के ख्रीस्तीयों का आह्वान है कि वे न केवल सार्वभौमिक कलीसिया के लिए मशाल बनें लेकिन
समाज के जीवन में सामंजस्य,ज्ञान और संतुलन के खमीर बनें जो पारस्परिक रूप से बहुजातीय,
बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक रहा है। यहूदी ईसाई और मुसलमान इस शहर को आध्यात्मिक घर
मानते हैं। वैश्वीकृत विश्व में यह शहर अपनी सार्वभौमिक बुलाहट के अनुरूप शांति का शहर
बना रहे। यह सार्वभौमिकता, दूसरों का सम्मान करना, संवाद और परस्पर समझदारी की शिक्षा
दे और पूर्वाग्रह, अज्ञानता और भय पर ईमानदारी, सम्पूर्णता और शांति की जीत हो। ख्रीस्तीय
समुदाय के अनेक सदस्यों ने पलायन किया है। अनेक कारण हैं कि युवा प्रवास कर रहे हैं लेकिन
उनके निर्णय इस सहर के लिए महान सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गरीबी लाते हैं। होली लैंड
में सबके लिए स्थान है। वे अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि यहाँ ख्रीस्तीय उपस्थिति
को सम्मान, समर्थन और महत्व दें। उन्होंने विश्वासियों से कहा कि येसु के पवित्र खाली
कब्र की ओर बारम्बार आयें तथा जीवन की विजय पर अपने विश्वास की पुर्नपुष्टि करें और हर
उस बाधा को हटा दें जो विश्वास, आशा और प्रेम सहित प्रभु के प्रति समर्पण में बाधक बनती
हैं।