2009-05-13 12:19:45

जेरूसालेमः जेरूसालेम सभी धर्मों के लोगों के लिये शांति स्थल बने


जेरूसालेम की जोसफात घाटी में मंगलवार को सन्त पापा ने यह आशा व्यक्त की कि जेरूसालेम सभी के लिये शांति का शहर बने।

ग़ौरतलब है कि इसराएल एवं पश्चिमी तट में अपनी पाँच दिवसीय यात्रा को सन्त पापा ने पुनर्मिलन एवं मेलमिलाप पर केन्द्रित रखा है। मंगलवार को वे अपना मैत्री सन्देश इस्लाम, यहूदी एवं ख्रीस्तीय धर्म के सर्वाधिक विवादास्पद पुण्य स्थलों तक ले गये। इन स्थलों से उन्होंने इसराएली एवं फिलीस्तीनियों से अपील की कि न्याय एवं शांति पर आधारित विश्व के निर्माण हेतु वे निष्कपट वार्ता के लिये तैयार होवें।

सन्त पापा ने डोम ऑफ द रॉक के नाम से विख्यात इस्लाम धर्म के पुण्यस्थल की भेंट की। मुसलमानों का विश्वास है कि इसी स्थल से हज़रत मुहम्मद स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये थे। इसके अतिरिक्त, मंगलवार को ही उन्होंने यहूदियों के लिये पवित्र स्थान पश्चिमी दीवार तथा ख्रीस्तीयों के परमपावन स्थल येसु के अन्तिम भोजन कक्ष की भेंट की।

जेरूसालेम के प्रधान मुफ्ति हुसैन ने बाद में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने सन्त पापा को फिलीस्तीनीयों की पीड़ा के विषय में अवगत कराया तथा इस पवित्रभूमि की मुसलमान जनता के लिये न्याय की मांग की। उन्होंने सन्त पापा को एक पत्र भी अर्पित किया जिसमें वाटिकन से अपील की गई है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग कर इसराएल द्वारा फिलीस्तीनी लोगों के विरुद्ध हो रहे आक्रमण को बन्द करवाये।

इसराएलियों एवं फिलीस्तीनीयों के बीच सुलह का प्रयास करते हुए सन्त पापा ने मंगलवार को इस्लाम एवं यहूदी, दोनों, स्थलों पर मौन प्रार्थना कर गहन सम्मान का प्रदर्शन किया। डोम ऑफ द रॉक के नाम से विख्यात इस्लाम धर्म के पुण्यस्थल पर उन्होंने अपने जूते बाहर ही उतार दिये जबकि यहूदियों के पुण्य स्थल पश्चिमी दीवार पर एक लिखित आशीर्वाद छोड़ दिया। उन्होंने इसमें याचना की कि "अब्राहम, इसाक एवं याकूब के पिता ईश्वर पीड़ितों, भयभीतों एवं त्रसित लोगों की पुकार सुनें। ईश्वर पवित्रभूमि, मध्यपूर्व तथा सम्पूर्ण मानव परिवार पर अपनी शांति बिखेर दें।"

मंगलवार सन्ध्या सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें अपनी पारदर्शी पापामोबिल पर सवार जोसफात घाटी पधारे जहाँ एकत्र लगभग दस हज़ार काथलिक धर्मानुयायियों ने इसराएल, फिलीस्तीन एवं वाटिकन के ध्वजों फहराकर, जयनारे लगाकर तथा करतल ध्वनि से उनका भव्य स्वागत किया।

गेथसेमनी की बारी के निकट ही विस्तृत विशाल प्राँगण में सन्त पापा ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया। ख्रीस्तीय परम्परा के अनुसार यह वही पवित्र स्थल है जब यहूदी पास्का भोज के बाद रात्रि को येसु मसीह गिरफ्तार कर लिये गये थे।








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