संत पापा ने इटली के भूकम्प पीडित लाक्विला क्षेत्र का दौरा किया
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मंगलवार 28 अप्रैल को मध्य इटली के भूकम्प पीडित क्षेत्र
का दौरा किया। उन्होंने लोगों को सांत्वना देते हुए पुर्ननिर्माण के लिए आशा प्रदान किया।
ज्ञात हो कि इटली के अबरूत्सो प्रांत के अपेनाइन पर्वतीय क्षेत्र में 6 अप्रैल को आये
6.3 तीव्रतावाले भूकम्प में दर्जनों गाँवो और शहरों में 296 लोगों की मृत्यु हो गयी थी
तथा लगभग 50 हजार लोग बेघर हो गये। लाक्विला शहर के अनेक मकान ध्वस्त हो गये थे और गंभीर
रूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण हजारों मकान अब रहने लायक नहीं रह गये हैं। संत पापा
ने सर्वप्रथम 300 निवासियों वाले ओन्ना गाँव की भेंट की जहाँ 40 लोग मारे गये थे तथा
सम्पूर्ण गाँव के 260 लोगों ने तम्बूओं में शरण लिया है। बेघर हुए लोगों का अभिवादन करते
हुए संत पापा ने कहा कि वे प्रत्येक जन का व्यक्तिगत रूप से स्नेहपूर्वक आलिंगन करते
हैं तथा संभव होता तो वे प्रत्येक गाँव और तम्बूओं का दौरा कर हर व्यक्ति से मिलते। भूकम्प
प्रभावितों को उत्साह प्रदान करते हुए संत पापा ने उनके साहस, मर्यादा और विश्वास की
प्रशँसा की। लाक्विला शहर का प्रतीक 13 वीं सदी में निर्मित सांता मरिया दी कोलेमाजियो
बासिलिका के मलवे को भी संत पापा ने देखा जिसकी छत भूकम्प के कारण आंशिक रूप से छतिग्रस्त
हो गयी थी। संत पापा ने दमकल कर्मियों के साथ इस क्षतिग्रस्त बासिलिका में प्रवेश कर
13 वीं सदी के मठवासी और संत, संत पापा सेलेस्टीन पंचम के अवशेष के पास प्रार्थना अर्पित
किया। संत पापा ने उस स्थल को भी देखा जहाँ विद्यार्थियों के शयनागार वाली इमारत के गिरने
से 7 विद्यार्थियों की मृत्यु हो गयी थी। संत पापा ने सरकारी संस्थानों और कम्पनियों
से अपील की है कि राहत कार्यों को वे पुर्ननिर्माण की दीर्घकालीन योजनाओं में बदलें।
उन्होंने कहा कि भूकम्प पीड़ित लोग अपनी भूमि के पुर्नजन्म अर्थात पुर्ननिर्माण की प्रतीक्षा
कर रहे हैं जहाँ सुंदर, मजबूत मकान और गिरजाघर हों। संत पापा ने कहा कि भूकम्प के तुरंत
बाद ही क्षेत्र का दौरा करने की उनकी इच्छा थी लेकिन वे राहत कार्यों में बाधा नहीं डालना
चाहते थे। संत पापा ने लोगों की सेवा में लगे नागरिक अधिकारियों और स्वयं सेवियों का
अभिवादन किया। संत पापा के आगमन पर लोग भाव विभोर हो गये। बेघर हुए लोगों के लिए भोजन
तैयार करने में लगी जेरमाना दिओनोफरियो ने भावुक होकर कहा कि वे शरीर को भोजन खिलाती
हैं तथा संत पापा आत्मा को भोजन खिलाते हैं।