2009-04-24 16:27:14

ख्रीस्तीय परिवारः आज्ञाकारिता और स्वतंत्रता की पाठशाला


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने जनवरी माह में मेक्सिको सिटी में सम्पन्न परिवारों के 6 वें विश्व सम्मेलन के आयोजकों के लिए 23 अप्रैल को प्रेरितिक प्रासाद में मुक्तिदाता की माता को समर्पित प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि किसी मानवीय प्राधिकार की अपेक्षा पूर्ण रूप से ईश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहना चाहिए। ईशवचन ऐसी आज्ञाकारिता के बारे में कहता है जो आदेशों का पालन करना मात्र नहीं है लेकिन यह ईश्वर के साथ आंतरिक संयुक्तता से उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि यह पवित्र आत्मा का फल है जिसे ईश्वर बिना नाप तौल किये प्रदान करते हैं। समसामयिक लोगों के लिए इस आज्ञाकारिता की पुर्नखोज करने की जरूरत है जो सैद्धान्तिक नहीं है लेकिन अपरिहार्य है। इसका अर्थ है कि व्यवहार के विशिष्चट रूपों को चुना जाये जो ईश्वर की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता में आधारित हों और जो हमें पूरी तरह स्वतंत्र बनाती हैं। ख्रीस्तीय परिवार अपने घरेलू, सामान्य तथा आनन्दपूर्ण जीवन द्वारा जहाँ खुशी, आशा और चिंताओं की शेयरिंग की जाती है तथा विश्वास के प्रकाश में जीवन जीया जाता है आज्ञापालन के विद्यालय तथा सच्ची स्वतंत्रता का माहौल हैं। संत पापा ने कहा कि आज्ञाकारिता का सुसमाचारी सदगुण ईश्वर के साथ आंतरिक सामुदायिकता से उत्पन्न होती है। परिवारों से आग्रह है कि वे इस जरूरी मूल्य को समाज के साथ बाँटें।









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