लाहौरः स्वात में लागू शरिया पाकिस्तान के मूलभूत सिद्धान्तों का उल्लंघन, महाधर्माध्यक्ष
सलडाना
पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान द्वारा लागू शरिया कानून पर एशिया समाचार से बातचीत
में लाहौर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष लॉरेन्स सलडाना ने कहा कि यह पाकिस्तान के मूलभूत
सिद्धान्तों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि स्वात घाटी में लागू शरिया अल्पसंख्यकों
एवं सन् 1947 ई. में निर्मित पाकिस्तानी संविधानी सभा के प्रवर्तकों द्वारा प्रदत्त उनके
अधिकारों के प्रति उपेक्षाभाव को दर्शाता है।
महाधर्माध्यक्ष सलडाना ने, इस
सिलसिले में, राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी, प्रधान मंत्री रज़ा गिलानी तथा नॉर्थ वेस्ट
फ्रँनटियर प्रॉविन्स के न्याय मंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की है कि वर्तमान सरकार ने
स्वात घाटी में शरिया की अनुमति देकर नागर समाज की उत्कंठाओं को किनारे कर दिया है। उन्होंने
कहा कि इससे स्वात घाटी का सामाजिक एवं आर्थिक तथा सांस्कृतिक विकास अवरुद्ध हो रहा है।
साथ ही संविधान में अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं की रक्षा हेतु सुझाये गये उपायों का विनाश
हो रहा है तथा स्वतः को वैध घोषित करने की तालिबान संगठन की कोशिशें सफल हो रही हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने लिखा कि इस्लामी कानून के तहत समान्तर न्यायिक निकाय की रचना
घोर चिन्ता का कारण है। उन्होंने बल दिया कि इस प्रकार का निर्णय लेने से पूर्व न्यायाधीशों
एवं आम जनता की राय लेना अनिवार्य था।
पत्र में तालिबान की चरमपंथी विचारधाराओं
की निन्दा कर महाधर्माध्यक्ष ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्नाह के सन् 1947
के उदघाटन भाषण को उद्धृत किया जिनका कहना था कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है जिसका राज्य
सम्बन्धी मामलों से कोई वास्ता नहीं।