2009-04-21 11:43:05

रोमः "सुसमाचार पर केन्द्रित सन्त फ्राँसिस के जीवन की प्रासंगिकता आज भी बरकरार", कहना बेनेडिक्ट 16 वें का


रोम शहर के परिसर में कास्टेल गोन्दोल्फो स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रासाद में शनिवार को सन्त फ्राँसिस मठ के धर्मसमाजियों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि अपने जीवन को सुसमाचार पर केन्द्रित रखने के कारण असीसी के सन्त फ्राँसिस का आकर्षण एवं उनकी प्रासंगिकता आज भी बरकरार है।

इटली के असीसी नगर में, बुधवार से, सन्त फ्राँसिस मठ के धर्मसमाजियों की आम सभा जारी है जिसके लिये सम्पूर्ण विश्व के धर्मसमाजी एवं मठवासी एकत्र हुए हैं। सन्त पापा इनोसेन्ट तृतीय ने सन्त फ्रांसिस द्वारा स्थापित मठवासी जीवन सम्बधी नियमों को अनुमोदन दिया था। इसी की आठवीं शताब्दी के उपलक्ष्य में उक्त सभा का आयोजन किया गया है।

संत फ्रँसिस के जीवन परिवर्तन पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि सन्त ने दैवी कृपा की शक्ति का अनुभव पाया जिससे प्रेरित होकर उन्होंने अपनी सारी सांसारिक सम्पत्ति, गर्व एवं सुरक्षा का परित्याग कर दिया तथा उन मसीह के अनुसरण को तैयार हो गये जो मर कर पुनः जी उठे हैं। अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि सन्त फ्राँसिस मठवासियों का दायित्व है कि वे प्रभु येसु ख्रीस्त के सुसमाचार का वरण करें एवं उसके अनुकूल ही जीवन यापन करें।

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सन्त फ्रांसिस ने पूर्णरूपेण, सुसमाचार के आलोक में, अपने आप को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि सुसमाचार ही उनके आकर्षण एवं उनकी स्थाई प्रासंगिकता का रहस्य है।

मठवासी धर्मसमाजियों से सन्त पापा ने आग्रह किया कि इस महान एवं सुन्दर परिवार के सदस्य होने के लिये वे ईश्वर को धन्यवाद देते हुए पवित्रआत्मा की वाणी को सुनने का प्रयास करें ताकि उन्हें इस बात का आलोक मिल सके कि आज की चुनौतियों के समक्ष उनका आचरण कैसा हो। अपने ज़रूरतमन्द एवं पीड़ित भाई बहनों में प्रभु खीस्त को देखने का सन्त पापा ने परामर्श दिया ताकि सभी प्रभु की शांति का आनन्द उठा सकें।










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