बौद्ध धर्मानुयायियों को वैसाख पर्व के उपलक्ष्य में वाटिकन का बधाई संदेश
अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने बौद्ध धर्मानुयायियों द्वारा 2 मई को
मनाये जानेवाले वैसाख पर्व को देखते हुए विटनेसिंग टू ए स्पिरिट ओफ पोवर्टी-क्रिश्चियन्स
एंड बुधिस्ट इन डायलोग शीर्षक से 3 अप्रैल को संदेश जारी किया। बौद्ध समुदाय के लोगों
को पर्व की बधाई देते हुए निर्धनता के प्रति उनकी भावना की सराहना की गयी है। कहा गया
है कि अनियंत्रित उपभोक्तावाद तथा भौतिकवाद वाले संसार में भौतिक वस्तुओं के प्रति अनासक्ति
से मिलनेवाली खुशी जिसका बौद्ध साक्षी देते हैं इनसे ईसाई भी प्रेरणा प्राप्त कर सकते
हैं। ईसाईयों और बौद्धों को मिलकर काम करने का आग्रह किया गया है ताकि वे विश्व समुदाय
के कल्याण के लिए सहयोग कर सकें। संदेश में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के निर्धनता संबंधी
विचार का संदर्भ दिया गया है जिसमें उन्होंने निर्धनता को चुनने को कहा था। यह प्रभु
येसु के पदचिह्नों पर चलने की अनुमति प्रदान करता है। इस निर्धनता का अर्थ है स्वयं को
खाली कर देना,स्वयं में ईश्वर तथा भाई बहनों के वचन को सुनने की गहन इच्छा उत्पन्न करना
एवं प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करना शामिल है। दूसरी और एक दूसरी प्रकार की निर्धनता
है जिसे ईश्वर नहीं चाहते हैं और इसके खिलाफ संघर्ष किया जाना है। ऐसी निर्धनता जो लोगों
और परिवारों को अपनी मर्यादा के अनुकूल जीवन यापन करने से रोकती है, जो न्याय और समानता
को दबाकर शांतिपूर्ण सह अस्तित्व को चुनौती देती है।