प्रभु सेवक संत पापा जोन पौल द्वितीय ख्रीस्त के साहसी और उत्साही रक्षक
संत पापा जोन पौल द्वितीय के निधन की 4 थी पुण्यतिथि पर 2 अप्रैल को संत पेत्रुस महामंदिर
में आयोजित ख्रीस्तयाग समारोह में प्रवचन करते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने प्रभु
सेवक संत पापा जोन पौल द्वितीय को ख्रीस्त का साहसी और उत्साही रक्षक कहा जो ईशवचन के
प्रसार के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने में कभी नहीं हिचके। उन्होंने जब भी ख्रीस्त के सत्य
की रक्षा और उदघोषणा करने का सवाल उत्पन्न होता था कदापि समझौता नहीं किया। वे ख्रीस्त
के प्रेम का प्रसार करने में कभी नहीं थके। अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ से लेकर 2
अप्रैल 2005 तक वे सबलोगों के लिए इसकी उदघोषणा करने से नहीं डरे कि केवल येसु ही मुक्तिदाता
हैं और मानव को सच्ची स्वतंत्रता प्रदान करनेवाले हैं। वे येसु ख्रीस्त में विश्वास पर
आधारित महान आशा का प्रसार करते थे। अनेक लोगों की पौरोहितिक बुलाहटें उनके साक्ष्य और
प्रवचन से जुड़े हैं। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने ख्रीस्तयाग समारोह के बाद संत पेत्रुस
महामंदिर के तलघर में स्थित संत पापा जोन पौल द्वितीय के कब्र के पास कुछ समय प्रार्थना
में व्यतीत किया।