2009-04-02 18:11:13

संत पापा जोन पौल द्वितीय के निधन की 4 थी पुण्यतिथि


प्रभु सेवक संत पापा जोन पौल द्वितीय के निधन की 4 थी पुण्यतिथि पर 2 अप्रैल को काथलिक कलीसिया ने उनका स्मरण किया जो सम्पूर्ण विश्व के विश्वासियों के प्रिय संत पापा थे। भारत के अंधेरी ईस्ट मुम्बई स्थित कार्मेसल कोन्वेंट में विगत 30 वर्षों से रह रही धर्मबहन मेरी जोसेफ ने एशिया समाचार सेवा से बातचीत करते हुए कहा कि वे भारत के काथलिक समुदाय के नाम पर इस आह्वान को दुहराती हैं कि संत पापा जोन पौल द्वितीय को अविलम्ब संत घोषित किया जाये जो मानव जीवन की पवित्रता की साक्षी देते हुए युवा, वृद्ध, बीमारों और धर्मसमाजियों के लिए आदर्श हैं। ऐसे ऐतिहासिक समय में जब जीवन को समाप्त करने के लिए सुखमृत्यु और गर्भपात को बढ़ावा दिया जा रहा है संत पापा जोन पौल ने दिखाया कि मृत्यु की संस्कृति को पराजित किया जा सकता है। धर्मबहन मेरी जोसेफ ने कहा कि संत पापा ने बीमारी के पीड़ादायक क्षण में भी सार्वजनिक रूप से मुक्तिदायी आयाम में प्रवेश किया तथा सम्पूर्ण मानवजाति को अपने दुःख और कष्ट को प्रभु येसु के दुःखभोग के साथ संयुक्त करने के लिए आमंत्रित किया।








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