2009-04-01 12:16:31

लंदनः कड़ी सुरक्षा के बीच जी 20


सम्पूर्ण विश्व से राष्ट्राध्यक्ष एवं सरकारी अध्यक्ष, जी 20 सम्मेलन के लिये लंदन में एकत्र हो रहे हैं जिसमें वर्तमान आर्थिक मन्दी तथा इससे उत्पन्न समस्याओं के समाधानों पर विशद विचार विमर्श करना निर्धारित है। गुरुवार से आरम्भ इस सम्मेलन के समय किसी भी प्रकार की अनहोनी को टालने के आशय से लंदन तथा आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़े इन्तज़ाम किये गये हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लंदन पहुँच चुके हैं तथा दोनों का अलग अलग समय पर बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन से मिलना तय है।
आशा की जा रही है कि उक्त सम्मेलन में वित्तीय संकट से निबटने के लिए कोई ठोस नीति पर सहमति हो सकेगी किन्तु विश्लेषकों के अनुसार ऐसा कठिन ही प्रतीत होता है क्योंकि इस संकट से बाहर आने के लिये अपनाये तरीकों पर यूरोप तथा अमरीका के नेताओं में सहमति नहीं है।
अमरीका विकास को प्रोतसाहन देने के लिए अधिक व्यय किये जाने पर बल दे रहा है जबकि यूरोपीय देश चाहते हैं कि आगामी दो वर्षों तक किसी भी बड़े खर्च की घोषणा न की जाए। वित्त बाज़ार के नियमों में परिवर्तन पर भी यूरोपीय नेता ज़ोर दे रहे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन का कहना है," लंदन में एकत्र नेताओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था में विश्वास जगाना होगा तथा लोगों में भविष्य के लिए आशा का संचार करना होगा"।
इस बीच फ़्रांस कड़े वित्तीय नियमों की माँग कर रहा है। फ़्रांस के वित्त मंत्री ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति सार्कोज़ी ऐसे किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे जिसमें उन्हें ये लगता हो कि उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जी 20 सम्मेलन में ऐसे औद्योगिक और विकासशील देश सम्मिलित हैं जिनका विश्व की 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण है।








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