2009-03-28 13:21:56

श्री राम सेना के प्रति सरकारी रुख कड़े होने का ईसाइयों ने किया स्वागत


पणजी, 27 मार्च, 2009 । गोवा के ईसाइयों ने सरकार के उस निर्णय का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने हिन्दुओं के एक संगठन श्री राम सेना के उस प्रयास को अवैध करार दिया है जिसमें उन्होंने अपने संगठन के नैतिक नियमों को युवा पर थोपना चाहा था।
सरकार ने इस संबंध में बहुत ही कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि जो भी इस प्रकार का प्रयास करेगा उसे तुरन्त गिरफ़्तार कर लिया जायेगा।
ज्ञात हो कि विगत् दो महीनों से अतिवादी हिन्दुओं ने कर्नाटक में युवक-युवतियों के मिलने पर आपत्ति जतायी थी और उन्हें परेशान भी किया था।
परेशान करने की पहली घटना उस समय घटी थी जब 24 जनवरी को कुछ रेस्टोरेंट में एक साथ खा-पी रहे युवक-युवतियों से मारपीट की थी यह दलील देते हुए कि यह भारतीय परंपरा के मूल्यों के विरुद्ध है।
गोवा के गृह मंत्री रवि नायक ने कहा है कि इस प्रकार संगठनों को यह मौका ही नहीं दिया जायेगा कि वे राज्य की शांति-व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा पहुँचायें।
सरकार के इस कड़े रुख का स्वागत करते हुए ब्लेसेड साक्रमेंट फादर बिस्कार्क डायस ने कहा है कि सरकार ने बुराई को समाप्त करने के लिये समय पर कदम उठाया है।
उन्होंने आगे कहा प्रजातंत्र में इस बात की स्वतंत्रता है कि हर समुदाय अपनी बातों को लोगों को बताये पर ऐसा कदापि नहीं हो सकता है कि एक समुदाय या संगठन अपनी बातों को किसी पर थोपे।
उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम सेवा जैसे संगठन यह दावा करते हैं कि वे भारतीय संस्कृति के रक्षक है पर वास्तव में अपने तालीबानीकरण के कारण वे संस्कृति के भक्षक बनते जा रहें हैं।
इस संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए पणजी पल्ली के फादर अनतिमो गोम्स ने कहा कि इस प्रकार के हिन्दु संगठन को चाहिये कि वे अपनी आपत्ति अधिकारियो को बतायें न कि कानून ही अपने हाथों में थाम लें।
उधर श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कहा है कि वे अपने संगठन के प्रतिबंध के संबंध में कोर्ट में अपील करेंगे और प्रतिबंध हटवायेंगे।
उनका कहना है कि उनका संगठन किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में संलग्न हैं।








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