2009-03-28 13:22:09

जी-20 विश्व की समस्याओं के निवारण पर अपना ध्यान केंद्रित करे – महाधर्माध्यक्ष सेन्तामु


वेस्टमिन्सटर, 27 मार्च, 2009 । न्यूयोर्क के अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष डॉ जोन सेंतामु ने कहा है कि जी-20 समस्याओं के निवारण पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
उन्होंने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे वेस्टमिनस्टर में संकट निवारण और मानव सुरक्षा विषय पर आयोजित एक सेमिनार के उद्धाटन समारोह में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. सेन्तामु ने कहा कि हाल में उन्होंने केन्या, दाफुर और जिम्बाव्वे की यात्रा की और अनुभव किया कि मानव की सुरक्षा के लिये कार्य किया जाने की आवश्यकता है।
अगर हमें मानव जीवन को सुरक्षित करना है तो हमें एक साथ मिल इस बात के लिये कार्य करना होगा कि किसी भी आपसी हिंसा से विश्व को बचाया जाये। प्रत्येक वर्ष हिंसा के कारण हज़ारों लोग या तो विस्थापित होते हैं या बेघर-बार हो जाते हैं।
महाधर्माध्यक्ष इस अवसर पर बोलते हुए प्रतिधियों का ध्यान इस ओर भी खींचा कि वे महिलाओं और बच्चों के भविष्य की भी चिंता करें। विभिन्न हिंसाओं के कारण इनका जीवन भी अस्त-व्यस्त होता रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि हर व्यक्ति ईश्वर का प्रतिरूप है और हमें चाहिये कि हम उसके साथ प्रेम और उचित सम्मान के साथ वर्ताव करें।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि जी 20 के सदस्य को याद दिलाया कि इस बात को समझें कि आर्थिक असुरक्षा और ग़रीब देशों में हिंसा में गहरे संबंध हैं।
उन्होंने इस बात को भी बताया कि पिछले साल विश्व बैंक ने इस बात का खुलासा किया था कि 33 देश हिंसा के शिकार हुए थे क्योंकि वहाँ के लोग के लिये पर्याप्त अन्न नहीं था।
कई बार यह समस्या और ही गंभीर हो जाती है जब लोगों के पास जल, अन्न और ज़मीन की समस्या उठ खड़ी होती है।
उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि आज ज़रूरत है कि हम समस्याओं के गंभीर होने के पहले ही कदम उठायें ताकि पूरा विश्व सुरक्षित हो सके।
महाधर्माध्यक्ष सेंतामु ने इस बात को भी याद दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहले ही इस बात को बताया है कि सामूहिक सुरक्षा के लिये ज़िम्मदार संस्थाओं ने इस बात को कभी गंभीरतापूर्वक नहीं लिया है कि हिंसा को रोका जा सकता है।








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