संत पापा की अफ्रीकी यात्रा में आशा और प्रेम का आदान-प्रदान - वाटिकन प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 25 मार्च, 2009 । संत पापा ने अफ्रीका की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दरमियान
अफ्रीका के लोगों में एक नयी आशा का संचार किया है। उन्होंने अफ्रीकी नेताओं को इस बात
के लिये प्रोत्साहन दिया कि वे मानव मर्यादा का सम्मान करते हुए विकास के लिये कार्य
करें।
उक्त बातें संत पापा के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिका लोमबार्डी ने उस
समय कहीं जब वे संत पापा के साथ अंगोला से लौटे और वाटिकन रेडियो से बातें कर रहे थे।
फादर फेदिरिको ने बताया कि संत पापा कैमेरून और अंगोला के लोगों के आतिथ्य सत्कार
और यात्रा की सफलता से बहुत संतुष्ट हैं।
पोप के प्रवक्ता ने इस बात को दुहराया
कि संत पापा ने अफ्रीकावासियों को आशा का संदेश दिया और लोगों ने भी इसे सहर्ष ग्रहण
किया है। संत पापा ने आशा जतायी है कि भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
फादर
लोम्बार्डी ने आगे कहा कि अफ्रीकी यात्रा में संत पापा ने इस बात पर विशेष बल दिया है
कि काथलिक कलीसिया में महिलाओं की भागीदारी को और प्रभावकारी बनाया जाने चाहिये।
उन्होंने
यह भी कहा की संत पापा चाहते हैं कि पूरे विश्व को इस बात को पहचानना है कि समाज के
विकास में महिलाओं अहम् भूमिका निभा सकती है।
वाटिकन के प्रवक्ता ने पोप की यात्रा
के बारे बोलते हुए यह भी बताया कि संत पापा ने विकास के अलावा इस बात पर भी बल दिया है
कि अगर प्रजातंत्र को मजबूत करने है तो वार्ता, आपसी सहयोग और स्थायी शांति के लिये कार्य
किये जाने की आवश्यकता है।
संत पापा ने इस बात पर भी जोर दिया है कि अगर हम चाहते
हैं कि दुनिया की प्रगति हो तो हमें चाहिये कि हम हमारे संबंधों में समानता का भाव, न्याय
ईमानदारी और पारदर्शता से समझौता नहीं किया जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए
फादर लोम्बार्डी ने यह भी बताया कि विकास के संबंध में दुनिया के सोच और कलीसिया की विचारधारा
अगल हैं।
कलीसिया चाहती है कि लोगों के विकास ऐसा हो कि वे इससे मानव को मानव
होने का सम्मान मिले। ऐसा होने से ही प्रेम, समानता और न्याय पर आधारित समाज का निर्माण
हो सकता है।
फादर लोम्बार्डी ने बताया कि संत पापा की यात्रा से अफ्रीका के लोगों
को एक नयी आशा तो मिली ही संत पापा भी इससे लोगों का प्यार और प्रोत्साहन मिला।