रोम में होने वाले क्रूस रास्ता का चिन्तन गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थोमस तैयार करेंगे।
नयी दिल्ली, 23 मार्च, 2009 । आगामी 10 अप्रैल को गुड फ्राईडे के दिन रोम में होने वाले
परंपरागत क्रूस रास्ता की धर्मविधि का चिन्तन गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थोमस मीनामपराम्बील
तैयार करेंगे।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए वाटिकन प्रेस ने बताया कि संत पापा
चाहते हैं कि भारत के प्रतिनिधि ही इस प्रार्थना समारोह का चिन्तन लिखें क्योंकि सन्
2008 में भारत की कलीसिया को धर्म के नाम पर अतिवादियों से हिंसा का सामना करना पड़ा
था।
इस ईसाई-विरोधी हिंसा में कई लोगों ने अपनी जानें गवाँयीं और हज़ारों को
महीनों तक जंगलों की शरण लेनी पड़ी थी।
उन्होंने आगे बताया कि संत पापा चाहते
हैं कि इस वर्ष की क्रूस-यात्रा को धर्म के नाम पर दुःख सहने वालों के नाम पर ही ईश्वर
को अर्पित किया जाये।
ज्ञात हो कि महाधर्माध्यक्ष थोमस भारत के उत्तरी-पू्र्वी
क्षेत्रों में विभिन्न समुदायों के बीच चल रहे आपसी झगड़ों का शांतिपूर्ण समझौता कराने
के लिये जाने जाते रहे हैं।
आईसीएन के अनुसार महाधर्माध्यक्ष मीनाम्पराबील ने
क्रूस रास्ता के लिये जो प्रार्थनायें तैयार की हैं वे धर्म के नाम पर मारे और सताये
जाने वालों के लिये और सूड़ान और कोंगो के उन लोगों के लिये समर्पित है जिन्हें मानवाधिकार
और मानव मर्यादा के अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। ज्ञात हो कि यह लगातार दूसरा
अवसर है जब एशिया के प्रतिनिधियों के द्वारा रोम के कोलोसियुम में होने वाले ऐतिहासिक
क्रूस रास्ता का संचालन करने का दायित्व सौपा गया है।
पिछले साल हॉगकॉग के कार्डिनल
जोसेफ जेन ने क्रूस रास्ता की प्रार्थनायें तैयार की थी।
72 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष
थोमस मीनामपराम्बील सुसमाचार प्रचार के लिये बनी एफएबीसी के अध्यक्ष हैं।
यह
भी विदित हो कि सन् 1988 ईस्वी में मुम्बई में शांति के लिये कार्य करने के लिये मास्चियो
पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।