सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की अँगोला के राष्ट्रपति से मुलाकात
अँगोला की राजधानी लुआण्डा में शुक्रवार सन्ध्या सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने राष्ट्रपति
एदवारदो दोस सान्तोस से औपचारिक मुलाकात की। स्थानीय समयानुसार अपराह्न पौने पाँच बजे
सन्त पापा ने लुआण्डा के परमधर्मपीठीय राजदूतावास से पाँच किलो मीटर की दूरी पर स्थित
पलातसियो दो पोवो राष्ट्रपति भवन के लिये प्रस्थान किया। राष्ट्रपति भवन के प्रवेश द्वार
पर राष्टपति दोस सान्तोस ने उनका अभिवादन किया। तदोपरान्त दोनों नेताओं के बीच लगभग चालीस
मिनट तक बातचीत हुई जिसमें वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने भी शामिल
रहे। गोपनीयता की परम्परा का पालन करते हुए इस बातचीत का विवरण प्रकाशित नहीं किया गया
है किन्तु अनुमान है कि इस अवसर पर सन्त पापा ने राष्ट्रपति से देश में पुनर्मिलन के
प्रयासों को मज़बूत करने का आग्रह किया है।
सन् 1979 से अँगोला के राष्ट्रपति
रहे एदवारदो दोस सान्तोस के आलोचकों का आरोप है कि विगत वर्ष के चुनावों में राष्ट्रपति
की पार्टी ने धोखाधड़ी से चुनाव जीते थे। राजनीति विद एवं प्राध्यापक नेलसन पेस्ताना
ने सन्त पापा की अँगोला यात्रा की पूर्व सन्ध्या पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि दोस
सान्तोस की विजय ने कलीसिया सहित अनेक विरोधियों की आवाज़ को चुप करा दिया है। उन्होंने
कहा कि सन्त पापा को सावधानी बरतनी चाहिये ताकि ऐसा प्रतीत न हो कि इस सप्ताह उनकी अँगोला
यात्रा किसी तरह दोस सान्तोस के शासन को उचित एवं न्यायसंगत ठहराये क्योंकि, उन्होंने
कहा, अँगोलियाई सरकार एक प्रकार से सन्त पापा की आशीष चाहती है ताकि उसके सत्तावाद को
तानाशाही के रूप में नहीं बल्कि उस प्रतीकात्मक पद के रूप में देखा जाये जो दैवीय शक्ति
से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सन्त पापा के पास महान नैतिक अधिकार है तथा हमारी आशा
है कि वे निर्धनों के प्रति अँगोला के प्रभावशाली नेताओं का ध्यान आकर्षित करायेंगे।
राष्ट्रपति तथा सन्त पापा के बीच वैयक्तिक मुलाकात के बाद राष्ट्रपति की धर्मपत्नी.
उनके परिवार सदस्यों एवं राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सन्त पापा
का आशीर्वाद लिया तथा उनके साथ तस्वीरें खिचवाई। उपहारों के आदान प्रदान के बाद सन्त
पापा ने राष्ट्रपति भवन में ही राजनैतिक अधिकारी एवं अँगोला में कार्यरत विभिन्न देशों
के राजनयिकों का साक्षात्कार कर उन्हें अपना सन्देश दिया। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं
एवं किशोरियों के विरुद्ध भेदभाव एवं उनके शोषण की निन्दा की। मातृत्व देखरेख के नाम
पर गर्भपात का प्रचार करनेवालों को भी फटकार बताई और कहा कि प्रजनन स्वास्थ्य के नाम
पर जीवन का अन्त करना कितना घृणित कृत्य है। राजनीतिज्ञों एवं राजनयिकों को दिये सन्देश
में सन्त पापा ने कहा ................... Pope’s discourse no.10