2009-03-21 12:02:21

अँगोला में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का स्वागत


काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शुक्रवार को अँगोला के नागरिकों से आग्रह किया कि लगभग तीन दशकों तक जारी गृहयुद्ध के बाद अब वे पुनर्मिलन का हर सम्भव प्रयास करें क्योंकि केवल वार्ता के द्वारा ही सभी झगड़ों एवं तनावों को समाप्त किया जा सकता है। सन् 1975 से सन् 2002 तक चले अँगोला के गृहयुद्ध के सन्दर्भ में सन्त पापा ने हवाई अड्डे पर आयोजित स्वागत समारोह के दौरान कहा कि उनका बाल्यकाल नाज़ी काल में गुज़रा था इसलिये वे युद्ध एवं इससे उत्पन्न होनेवाले घावों से भलीभाँति परिचित हैं। उन्होंने कहाः "उस काल में मायावी सपने दिखानेवाली अमानवीय एवं विनाशकारी विचारधारा ने लोगों का दमन किया था इसीलिये मैं झगडों एवं तनावों के अन्त के लिये लोगों के बीच वार्ताओं के महत्व को समझता हूँ तथा सभी देशों को शांति एवं भ्रातृत्व का धाम बनाने की उत्कंठा मन में रखता हूँ।"

अँगोला आते ही सन्त पापा ने अपनी अपील जारी की। अपनी सात दिवसीय अफ्रीकी यात्रा के दूसरे चरण में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें शुक्रवार को राजधानी लुआण्डा पहुँचे जहाँ हज़ारों प्रशंसकों ने उल्लास एवं उंमग के साथ उनका हार्दिक स्वागत किया। हवाई अड्डे से शहर की ओर जाते सन्त पापा के पारदर्शी वाहन की झलक पाने मार्गों के ओर छोर एकत्र हज़ारों लोगों ने जयनारों एवं करतल ध्वनि से अपने यहाँ आये मेहमान का भावपूर्ण स्वागत किया। सन्त पापा की एक झलक पाने के लिये लोगों ने मार्गों को जाम कर दिया था। अनेक युवाओं ने सन्त पापा की तस्वीर से अंकित टीशर्ट्स धारण किये थे, कई विशाल पोस्टरों को लिये थे तो कई मार्ग में अग्रसर पापामोबिल के साथ साथ दौड़ लगा रहे थे। .............................

लुआण्डा के हवाईअड्डे पर 14 घण्टों की यात्रा पूरी कर पहुँची 52 वर्षीया गृहिणी फातिमा दे कास्त्रो ने कहा कि वे सन्त पापा के दर्शन करने आई थीं क्योंकि वे कलीसिया के लिये महत्वपूर्ण हैं तथा कलीसिया हमारे लिये। हवाईअड्डे पर देश में सन्त पापा का स्वागत करते हुए अँगोला के राष्ट्रपति एदवारदो दोस सान्तोस ने सन्त पापा के आदर में अभिवादन पत्र पढ़ा। उन्होंने कहा कि अँगोला के लोगों ने उनकी भेंट की आतुरता से प्रतीक्षा की है क्योंकि सन्त पापा में वे सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष को पहचानते तथा विश्वास और आशा से भरे उनके सन्देश को सुनने के लिये उत्सुक हैं।

स्मरण रहे कि सन् 1975 तक अँगोला पुर्तगाल का उपनिवेश राष्ट्र था। यहाँ के लगभग साठ प्रतिशत नागरिक काथलिक धर्मानुयायी हैं। अँगोला के काथलिक विश्वविद्यालय में राजनीति विद एवं प्राध्यापक नेलसन पेस्ताना ने एसोसियेटड प्रेस से कहा कि अँगोला में ख्रीस्तीय धर्म एक धर्म मात्र नहीं है अपितु अँगोलियाई पहचान का सम्मिश्र अंग है।








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