2009-03-20 12:57:29

अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की विशिष्ट समिति ने सन्त पापा से मुलाकात की


याऊन्दे स्थित परमधर्मपीठीय राजदूतावास में गुरुवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के लिये गठित विशिष्ट समिति के सदस्यों से मुलाकात की। आगामी अक्तूबर माह की चार तारीख से 25 तारीख तक वाटिकन में अफ्रीका के लिये धर्मसभा का आयोजन किया गया है। धर्मसभा की विशिष्ट समिति में महाद्वीप के 12 राष्ट्रों अर्थात् नाईजिरिया, तानज़ानिया, दक्षिण अफ्रीका, आलजिरिया, कैमरून, मोज़ाम्बिक, कान्गो, बुरकीना फासो, ज़ाम्बिया, मडागास्कर एवं मिस्र के धर्माधिकारी सम्मिलित हैं।

इससे पूर्व गुरुवार को ही सन्त पापा ने अफ्रीकी काथलिक धर्माध्यक्षों की धर्म सभा की तैयारी हेतु एक 60 पृष्ठीय निर्देशिका कैमरून के काथलिक धर्माध्यक्षों के सिपुर्द की थी जिसमें उन्होंने अफ्रीका के भ्रष्ट नेताओं की साँठ गाँठ से अफ्रीका के प्राकृतिक संसाधनों को हड़पनेवाले बहुराष्ट्रीय संगठनों की कटु आलोचना की है। विकास के नाम पर अफ्रीका के लोगों को हथियार बेचनेवाले एवं युद्धों के भड़काने वाले धनी राष्टों को भी इस दस्तावेज़ में सन्त पापा ने फटकारा है।

दस्तावेज़ में किसी विशिष्ट बाहरी शक्ति या किसी अफ्रीकी देश अथवा नेता का नाम नहीं लिया गया किन्तु कहा गया कि वे शस्त्रों की तस्करी कर युद्धों को भड़काते हैं। वे अधिकाधिक आर्थिक लाभ के लिये प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करते तथा मानवाधिकारों एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों का अतिक्रमण करते हुए सत्ताधारियों की तरफदारी करते हैं। ऐसे लोग सम्पूर्ण देश को अस्थायी बनाते तथा उन लोगों के उन्मूलन में लगे रहते हैं जो दमन से स्वतंत्र होना चाहते हैं।

ग़ौरतलब है कि अनेक अफ्रीकी देश प्राकृतिक संसाधनों एवं खनिजों से समृद्ध हैं जिनसे रोज़गारियाँ उत्पन्न की जा सकती तथा लोगों के जीवन स्तर को उठाया जाता है किन्तु कुछेक स्वार्थी नेताओं के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो पा रहा है। आलोचकों का कहना है कि अफ्रीकी अधिकारी अपने आप को समृद्ध बनाने के लिये संसाधनों का उपयोग करते हैं तथा देश के कोषों को खाली कर देते हैं। उदाहरणार्थ नाईजिरिया में नाईजिरिया की सरकारी तेल कम्पनी में भ्रष्टाचार धड़ल्ले से जारी है। यहाँ तेल उद्योग से प्राप्त अरबों डॉलर केवल कुछ प्रभावशाली नाईजिरियाई नागरिकों के खाते में जमा हो रहे हैं जबकि सामान्य नागरिक दो डॉलर प्रतिदिन की आमदनी पर बसर करने के लिये बाध्य है।

इन्हीं कुछ समस्याओं को सन्त पापा ने अफ्रीका की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में विचार विमर्श हेतु प्रस्तुत करना चाहा है। गुरुवार सन्ध्या धर्म सभा की विशिष्ट समिति के धर्माधिकारियों को सम्बोधित कर उन्होंने कहा....................... ............... Pope’s discourse no.7








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