पवित्र ख्रीस्तयाग और यूखरिस्त की आराधना पर संत पापा के विचार
दिव्य आराधना और संस्कार संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों
ने 13 मार्च को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का साक्षात्कार कर उनका संदेश सुना। पवित्र
ख्रीस्तयाग और यूखरिस्त की आराधना के मध्य विद्यमान अंतरंग संबंध के बारे में ख्रीस्तीय
विश्वासियों को जागरूक करने पर संत पापा ने बल दिया क्योंकि पवित्र यूखरिस्त कलीसिया
के केन्द्र में है तथा इसके सदस्यों के लिए पवित्रता और कृपा का स्रोत है। उन्होंने कहा
कि सन 2005 में यूखरिस्त विषय पर सम्पन्न विश्व धर्माध्यक्षों की धर्मसभा में धर्माध्यक्षों
ने ख्रीस्तयाग और पवित्र यूखरिस्त की आराधना की समझ के बारे में उत्पन्न संशय पर चिंता
व्यक्त की थी। संत पापा ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि ख्रीस्तयाग समारोह और पवित्र
यूखरिस्त की आराधना के अनमोल रहस्य को समझें। ख्रीस्तयाग के समय रोटी और दाखरस का येसु
ख्रीस्त के रक्त और शरीर में बदल जाना तथा परमप्रसाद में येसु की यथार्थ उपस्थिति विश्वास
के सत्य हैं।