2009-03-09 15:49:55

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 8 मार्च को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहाः-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

जैसा कि आप जानते हैं पिछले सप्ताह मैं रोमी कार्य़ालय के अपने सहयोगियों के साथ आध्यात्मिक साधना में था। यह सप्ताह मौन और प्रार्थना का था। मन और दिल पूर्ण रूप से ईश्वर को समर्पित थे जो ईशवचन को सुनने और येसु के रहस्यों पर मनन चिंतन में समर्थ थे। एक तरह से यह ऐसा था जैसा कि प्रेरित पेत्रुस याकूब और योहन के साथ हुआ था जब येसु उन्हें अपने साथ पर्वत पर ले गये और जब वे प्रार्थना कर रहे थे उनका रूपान्तरण हो गया। उनका मुखमंडल और उनका व्यक्तित्व आलोकित हो गया। चालीसाकाल के दूसरे रविवार को पूजनधर्मविधि आज िस प्रमुख उद्धरण का पुनः प्रस्ताव करती है। येसु चाहते थे कि उनके शिष्य विशेष रूप से जिन पर नवजात कलीसिया का नेतृत्व करने की जिम्मेवारी होगी वे दिव्य महिमा का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करें, क्रूस की अपकीर्ति का सामना कर सकें। वस्तुतः जब विश्वासघात करने का समय आया और येसु गेतसेमानी बारी प्रार्थना करने के लिए जाते हैं वे पेत्रुस, याकूब और योहन को अपने समीप रखते हैं और उनसे जागते रहने के लिए कहते हैं। शिष्य ऐसा नहीं कर सकते हैं लेकिन येसु की कृपा उन्हें बनाये रखती है और उन्हें येसु के पुनरूत्थान में विश्वास करने में मदद करती है। मैं यहाँ जोर देकर कहना चाहता हूँ कि येसु का रूपान्तरण अपरिहार्य रूप से प्रार्थना का अनुभव था। प्रार्थना वास्तव में अपने शिखर पर पहुँचती है और इस प्रकार आंतरिक प्रकाश का स्रोत बन जाती है। मानव की आत्मा ईश्वर से जुड़ती है और उनकी इच्छाएँ संयुक्त होकर एकमात्र इच्छा बन जाती है। येसु जब पर्वत पर चढ़ते हैं वे अपने आपको पूर्ण रूप से पिता की प्रेमपूर्ण योजना पर मनन चिंतन करने में निमग्न कर लेते हैं जिन्होंने उन्हें मानवजाति को बचाने के लिए इस दुनिया में भेजा।

येसु के साथ में मूसा और एलियस दिखाई पड़ते हैं जो इस बात को दर्शाते हैं कि पवित्र धर्मग्रंथ में जो कुछ लिखा है वह पास्काई रहस्य की अपनी महिमा में प्रवेश करें। उसी क्षण येसु ने अपने सामने प्रस्तुत क्रूस को देख लिया था। असीम बलिदान जो हमें पाप और मृत्यु के शासन से मुक्त करने के लिए जरूरी था। और अपने दिल में वे पुनः आमेन दुहराते हैं। वे हाँ कहते हैं, मैं यहाँ हूँ पिता आपकी प्रेमपूर्ण इच्छा पूरी हो। और जैसा कि जोर्डन में बपतिस्मा के बाद हुआ था वैसा ही ईश्वर की प्रसन्नता का चिह्न स्वर्ग से प्रकट हुआ। वह प्रकाश जिसने येसु को रूपान्तरित कर दिया और वह उदघोषणा सुनाई पड़ी कि यह मेरा प्रिय पुत्र है।

उपवास और दया के कार्यों सहित प्रार्थना हमारे आध्यात्मिक जीवन के अपरिहार्य ढाँचे की रचना करता है। अतिप्रिय भाईयो और बहनो, चालीसाकाल के इस समय में मैं आपका आह्वान करता हूँ कि आप लम्बे मौन संभवतः आध्यात्मिक साधना के लिए समय निकालें ताकि स्वर्गीय पिता की प्रेम योजना के प्रकाश में आपके जीवन पर पुनः चिंतन कर सकें। कुँवारी माता मरियम प्रार्थना का आदर्श और शिक्षिका ईश्वर को गहराई से सुनने के लिए आपकी मार्गदर्शिका बनें। ख्रीस्त के दुखभोग की गहनतम गहराईयों के समय भी उन्होंने नहीं खोयालेकिन अपनी आत्मा में दिव्य पुत्र के प्रकाश के सुरक्षित रखा। इसी कारण से हम विश्वास और आशा के साथ माता मरियम का आह्वान करें।

इतना कहकर संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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