2009-03-08 20:36:16

अन्द्रेया रिकार्दी को समाज सेवा के लिये अंतरराष्ट्रीय चार्लेमागने पुरस्कार


रोम 6 मार्च, 2009 । संत एजेदियो नामक काथलिक लोकधर्मी समुदाय के संस्थापक अन्द्रेया रिकार्दी को समाज सेवा के लिये अंतरराष्ट्रीय चार्लेमागने नामक पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।

इस सम्मान के अंतर्गत अद्रेया रिकार्दी को ‘ ग्रेट यूरोपियन ’ कहा गया है। जेनित समाचार सूत्रों से बातें करते हुए रिकार्डी ने बताया कि इस सम्मान उनके लिये एक विशेष बुलावा है जिसके द्वारा उनका मानना है कि यूरोप को चाहिये कि वे विश्व की मदद के लिये उदारतापूर्वक सामने आये।

रिकार्डी का मानना है कि यूरोप सिर्फ अपने लिये प्रगति नहीं कर सकता है। संतएजिदियो समुदाय का भी यही मिशन है। वह चाहती है कि इसके सदस्य अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के लोगों के विकास के लिये कार्य करे।

उन्होंने आगे बताया कि सन्त एजिदियो समुदाय चाहती है कि वह ग़रीबों के बीच शांति लाने का प्रयास करे। इतना ही नहीं पूरे यूरोप का यही दायित्व है कि वह शांति के लिये कार्य करे।

रिकार्दी को जिस सेवा के लिये पुरस्कार दिया जा रहा है उसको उसमें कहा गया है कि रिकार्दी ने मानव की सेवा के लिये अपने आपको समर्पित किया है।

इसके साथ रिकार्दी ने पूरे यूरोप में और विश्व के लोगों के बीच में सांस्कृतिक विभिन्नताओं को बावजूद एक न्याय और शांतिपू्र्ण विश्व की कल्पना की है और इसके लिये समर्पित रहे हैं।

चयन समिति के जजों ने इस बात के लिये भी रिकार्दी को पुरस्कार के लिये योग्य पाया क्योंकि उन्होंने अपने समुदाय के द्वारा यह प्रयास किया है कि विश्व के लोगों में समझदारी बढ़े और लोग शांतिपूर्ण वातावरण में अपना विकास और प्रगति करें। ज्ञात हो कि अंद्रेया रिकार्दी का जन्म सन् 1950 में रोम में हुआ था ।

उन्होंने अपना जीवन इतिहास के एक प्रोफेसर के रूप में बिताया। उन्हें आज भी लोग आधुनिक चर्च के इतिहास का महान् विद्वान मानते हैं।

महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं से शुरु किया गया संगठन आज विश्व में संत एजिदियो समुदाय के नाम से विख्य़ात है।

यह भी विदित हो कि चार्लेमागने पुरस्कार विश्व में यूरोप की ओर से अपना विशिष्ट योगदान के लिये साहित्य विज्ञान अर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र देने के लिये दिया जाता है।








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