2009-03-07 12:45:15

रामापूरम पल्ली के गिरजेघर को ध्वस्त करने की याचिका ख़ारिज़


तिरवन्थापुरम, 7 मार्च, 2009 । हाई कोर्ट ने दक्षिणी केरल के रामापूरम पल्ली पुरोहित के उस याचिका को ख़ारिज़ कर दिया है जिसमें उसने माँग की थी कि दो पुराने गिरजेघर को ध्वस्त किया जाये।

केरल के हाई कोर्ट ने चार मार्च बुधवार को दिये अपने एक निर्णय में कहा है कि दोनों चर्च ऐतिहासिक धरोहर हैं और उन्हें ध्वस्त करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

ज्ञात हो पालाई धर्मप्रांत में बने संत अगुस्टीन चर्च का निर्माण 16वीं शताब्दी में औऱ संत मेरीस चर्च का निर्माण 19वीं सदी में हुआ था।

पल्ली पुरोहित फादर मैथ्यू नरीवेली ने सरकार से निवेदन किया था कि उसे एक नये गिरजेघर के निर्माण के लिये जगह की आवश्यकता है इसीलिये वह पुराने गिरजे को ढह कर नया बनाना चाहता है।

न्यायधीश अंतोनी दोमिनिक ने कहा कहा कि उसके कारणों में कोई दम नहीं है। केरल ऐतिहास और सर्वेक्षण विभाग के पी.जे.चेरियन ने कहा कि पुराना गिरजाघर एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे ढहना उचित नहीं होगा।

उन्होंने हाई कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया है कि चर्च को यथावत रहने दिया जाये।

ज्ञात हो कि पिछले साल जून 2008 में सरकार ने इन दोनों गिरजाघरों को केरल प्राचीन स्मारक और पुरातत्व और अवशेष अधिनियम 1969 के प्रावधानों के तहत् स्मारक के रूप घोषणा की थी।

यह भी ज्ञात हो कि दोनों चर्चों की में भारतीय और पोर्तगीज़ वास्तुकला का अनोखा समिश्रण है।

फादर नरिवेली का कहना है कि वे प्राचीन स्मारकों को सुरक्षित रखने के विरुद्ध नहीं हैं पर उन्होंने यह महसूस किया कि उनकी पल्ली को बड़े गिरजेघर की आवश्यकता है।

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