वाटिकन ने शरणार्थियों की बिषम परिस्थितियों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शरणार्थियों
के हितार्थ नीतियाँ बनाने का आह्वान किया है। वाटिकन रेडियो द्वारा दिये गये एक रिपोर्ट
में बताया गया कि जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय कार्यालय में वाटिकन के स्थायी
पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिल्वानो तोमासी ने शरणार्थियों संबंधी संयुक्त राष्ट्रसंघीय
समिति को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कहीं। वाटिकन प्रतिनिधि ने विगत वर्ष यूरोप में
प्रवेश करने का प्रयास करते हुए मरे 1500 लोगों की मृत्यु की भर्त्सना करते हुए इस संदर्भ
में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियाँ बनाये जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा
कि कानूनी नियमों की सुदृढ़ नींव मानवाधिकारों पर आधारित हो जहाँ जीवन संबंधी अधिकार
को पहले स्थान पर रखा जाये। महाधर्माध्यक्ष तोमासी ने अप्रवास संबंधी नीति को परिभाषित
करने के प्रत्येक देश के अधिकार को स्वीकार करते हुए इस तथ्य की पुष्टि की कि शरणार्थियों
को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान किया जाये। उन्होंने कहा
कि आश्रय माँग रहे अभिभावक विहीन अल्पवयस्कों की बढ़ती संख्या परिवारों के सामने प्रस्तुत
गहन चिंताजनक स्थिति की ओर इंगित करती है। इसलिए हर व्यक्ति बलात् विस्थापन के मूल कारणों
का सामना करे क्योंकि उदार मानवतावादी प्रत्युत्तर के साथ ही समर्पित राजनैतिक प्रयास
भी जरूरी हैं।