अंतःकरण की जाँच और सत्य का जीवन है चालीसाकाल – फादर लोम्बार्डी
वाटिकन सिटी, 2 मार्च, 2009 । चालीसाकाल एक ऐसा समय है जब हम अपने अंतःकरण का अवलोकन
करते हैं और ईश्वर के समक्ष ईमानदारी से अपना जीवन जीते हैं।
उक्त बातें वाटिकन
के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदिरिको लोम्बार्डी ने उस समय कहीं जब वे वाटिकन टेलेविज़न
के साप्ताहिक कार्यक्रम ' ऑक्तावा दियेस ' में चालीसा के संबंध में संत पापा से अपनी
मुलाक़ात के बारे में वक्तव्य दे रहे थे।
संत पापा से अपनी मुलाक़ात के बारे
में बोलते हुए यह बताया कि पोप का मानना है कि कलीसिया के मेषपाल का जीवन पारदर्शी होना
चाहिये ताकि इससे आम विश्वासियों का विश्वास मजबूत हो सके।
धर्मगुरुओं को चाहिये
कि वे अपने सादे जीवन से ईश्वरीय प्रेम की घोषणा करें।
जेस्विट फादर लोम्बार्डी
ने कहा कि चालीसा काल भी एक ऐसा मह्त्वपूर्ण समय है जब हम इसी सादे भावना से अपना जीवन
जीयें। और खुले मने से ईश्वर के पास आयें और ईश्वर से अपना रिश्ता सुदृढ़ करें ।
उन्होंने
इस बात की भी याद दिलायी कि संत पापा ने राखबुध के दिन कहा था कि येसु के साथ हमारा संबंध
ऐसा हो कि हम इस अपने काम, बात और व्यवहार से प्रकट कर सकें।
फादर लोम्बार्डी
ने इस बात पर भी बल दिया कि हमें चालीसा काल में खुले दिल से उपवास, परहेज़ और दान-पुण्य
करना चाहिये इसका वरदान ईश्वर हमें अवश्य देंगे।