धर्मशालाः चीनी दमन के विरुद्ध 500 से अधिक तिब्बतियों द्वारा विरोध प्रदर्शन
भारत में शरण ले रहे 500 से अधिक तिब्बती शरणार्थियों ने मंगलवार को धर्मशाला में विरोध
प्रदर्शन कर तिब्बत की जनता के प्रति एकात्मता दर्शाई तथा उनपर चीनी सरकार के दमन की
समाप्ति का आव्हान किया।
प्रदर्शन कर्त्ताओं ने तिब्बती नागरिकों की हत्या के
विरुद्ध नारे लगाये तथा लोसार अर्थात् नव वर्ष के समारोह को न मनाये जाने की पुष्टि की।
25 फरवरी को तिब्बती नव वर्ष है तथा 10 मार्च को चीनी विरोधी क्रान्ति की पचासवीं बरसी
है जिसके लिये चीनी अधिकारियों ने तिब्बत में सुरक्षा व्यवस्था को अति कठोर कर दिया है।
हाल के सप्ताहों में चीनी पुलिस ने कतिपय प्रदर्शनों को बलपूर्वक रोककर 24 तिब्बतियों
को गिरफ्तार किया है। इसके अतिरिक्त चीनी सरकार पर्यटकों एवं पत्रकारों को देश में प्रवेश
नहीं करने दे रही है तथा दलाई लामा के प्रति एकात्मता के किसी भी कृत्य को कुचलने का
संकल्प व्यक्त कर चुकी है।
स्वतंत्र तिब्बत के लिये विद्यार्थी नामक धर्मशाला
स्थित संगठन के निर्देशक तेनसिंग चोईंग ने एशिया समाचार को बताया कि उक्त प्रदर्शन का
उद्देश्य तिब्बत पर चीनी दमन चक्र को रोकना है। बताया जाता है कि हाल के सप्ताहों में
चीनी सरकार ने तिब्बत के अनेक गाँवों में हज़ारों सैनिकों को प्रेषित किया है ताकि स्वतंत्रता
की मांग करनेवाले तथा दलाई लामा के प्रति एकात्मता दर्शानेवाले हर व्यक्ति को गिरफ्तार
किया जा सके। तिब्बत के महिला संगठन के अनुसार तिब्बत में महिलाओं की स्थिति पुरुषों
से भी अधिक ख़राब है।