2009-02-23 17:14:06

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार बाईस फरवरी को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहाः-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

इस रविवार की पूजन धर्मविधि हमारे चिंतन के लिए सुसमाचार पाठ प्रस्तुत करती है जिसमें एक अर्द्धांगरोगी को चंगाई और पाप की क्षमा मिली। जब येसु सुसमाचार सुना रहे थे अनेक बीमार लोग जो उनके पास लाये गये थे उन्में एक अर्द्धांगरोगी भी था जिसे चारपाई पर लाया गया था। उसे देखते हुए प्रभु ईसा ने कहा बेटा, तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं। वहाँ उपस्थित लोगों में कुछ लोग थे जो इन शब्दों को सुनकर व्यथित हुए येसु ने कहा तुम लोग यह जान लो कि मानव पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार मिला है। उन्होंने अर्द्धांगरोगी से कहा मैं तुम से कहता हूँ, उठो और अपनी चारपाई उठा कर घर जाओ और वह अर्द्धांगरोगी चंगा होकर चला गया। सुसमाचार का यह प्रकरण हमें दर्शाता है कि येसु के पास न केवल बीमार शरीर को चंगा करने बल्कि पाप की क्षमा प्रदान करने की भी शक्ति है। वस्तुतः पाप आत्मा के लिए एक प्रकार का पक्षाघात है जिससे केवल ईश्वर की उदार दया की शक्ति ही हमें मुक्त कर सकती है और हमें स्वयं को संभालते हुए भलाई के मार्ग पर चलने की अनुमति प्रदान करती है।

इस रविवार को संत पेत्रुस के सिंहासन का पर्व भी है। पूजन धर्मविधि में एक महत्वपूर्ण पर्व जो प्रेरितों के राजकुमार के उत्तराधिकारी के कार्य को रेखांकित करता है। संत पेत्रुस का सिंहासन रोम के धर्माध्यक्ष के प्राधिकार का प्रतीक है जिसका सम्पूर्ण ईशप्रजा के प्रति विशेष सेवा अर्पित करने के लिए आह्वान किया जाता है। प्रेरित संत पेत्रुस और प्रेरित संत पौलुस की शहादत के तुरंत बाद ही काथलिक समुदाय ने रोम की कलीसिया की प्रमुखता को मान्यता प्रदान की। इस भूमिका का वर्णन द्वितीय सदी में ही अंतियोक के संत इग्नासियुस और लियोन के संत इरेनियुस ने किया था। रोम के धर्माध्यक्ष की इस विशिष्ट प्रेरिताई पर पुनः द्वितीय वाटिकन महासभा में भी जोर दिया गया था। हम कलीसिया के धर्मसैद्धांतिक संविधान में पढ़ते हैं, इससे कहीं अधिक कलीसिया के अंदर विशिष्ट कलीसियाओं का अपना वैध स्थान है, संत पेत्रुस के सिंहासन की प्रमुखता का किसी भी तरह से विरोध किये बिना ये कलीसियाएँ अपनी परम्पराओं को बनाये रखती हैं, वैध भिन्नताओं की रक्षा करती हैं तथा यह सुनिश्चित करती हैं कि भिन्नताएँ एकता में बाधक नहीं बनें लेकिन एकता का प्रसार करने में योगदान दें।

प्रिय भाईयो और बहनो, यह पर्व मुझे अवसर प्रदान करता है कि मैं आपसे प्रार्थना के द्वारा सहयोग करने के लिए आग्रह करूँ ताकि ईश्वर के विधान से मिले संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के महान कार्य को मैं निष्ठापूर्वक सम्पन्न कर सकूँ। माता मरिया का हम आह्वान करते हैं जिनका समारोह हमने कल रोम में अवर लेडी आफ कोनफिडेन्स उपाधि के अंतर्गत मनाया। हम उनसे चालीसाकाल में प्रवेश करने में हमारी सहायता करने के लिए याचना करते हैं जो बुधवार को राख की धर्मविधि से आरम्भ होगा। माता मरियम मनपरिवर्तन तथा ईशवचन को विनम्रतापूर्पक सुनने के लिए हमारे दिलों को खोलें।

इतना कहकर संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और तीर्थयात्रियों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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