2009-02-18 11:55:16

पाकिस्तानः पाकिस्तानी सरकार एवं तालीबान के बीच समझौते की कड़ी आलोचना


पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की "न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति" के सचिव पीटर जैकब ने पाकिस्तान की सरकार तथा तालीबान दल के बीच उस समझौते की कड़ी आलोचना की है जिसमें स्वात घाटी में शांति के बदले इस्लामी शरिया कानून लागू किये जाने की बात की गई है। समझौते के तहत अफ़गानिस्तान की सीमा से लगी स्वात घाटी के मलकान ज़िले में शांति के बदले इस्लामी शरिया कानून लागू किया जायेगा। इस समझौते पर पहली फरवरी को पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्ट फ्रन्टियर प्रॉविन्स की स्थानीय सरकार तथा तालीबान लड़ाका दल तारिक-ए-निफ़ज़ शरियत मुहम्मद ने हस्ताक्षर किये।

काथलिक अधिकारी पीटर जैकब का कहना है कि इस प्रकार शांति बहाल नहीं की जा सकेगी बल्कि इससे और अधिक अस्त व्यस्तता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रूढ़िवादियों के आगे झुकना ठीक नहीं क्योंकि वे स्थिति का लाभ उठाकर सब कुछ पर हावी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरिया कानून के लागू हो जाने पर इसके दुष्परिणाम सर्वप्रथम महिलाओं एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पड़ेंगे क्योंकि शरिया में महिलाओं की स्वतंत्रता तथा अन्य धर्मों के अस्तित्व को सहा नहीं जाता है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने उक्त समझौते पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किये हैं। बताया जाता है कि स्वात घाटी में युद्धविराम की पुष्टि हो जाने पर ही राष्ट्रपति, शांति समझौते को, अनुसमर्थन प्रदान करेंगे।








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