हम शांति के प्रचारक बनें - स्वामी सच्चिदानन्द भारती
वाराणसी, 16 फरवरी, 2009 । ' सिगनिस इंडिया ' की छटवीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन वाराणसी
के नवसाधना में 13 से 17 फरवरी, 2009 आयोजित किया गया है। पूरे देश से आये मीडिया
से जुड़े करीब 90 ईसाई संगठन इसमें भाग ले रहे हैं। धर्म भारती के स्वामी सच्चिदानन्द
भारती अपने उद्घाटन भाषण कहा कि आज ज़रुरत है कि हम शांति के प्रचारत बनें। उन्होंने
इस बात पर भी बल दिया कि सब धार्मिक नेताओं और मीडिया कर्मियों को चाहिये कि वे इस बात
का ध्यान रखें कि उनके क्रिया-कलापों से सर्वधर्मसमभाव की भावना को बढ़ावा मिले। सेमिनार
के आरम्भ में हुए यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता वाराणसी के सेवानिवृत धर्माध्यक्ष पात्रिक
डीसूजा ने किया। प्रवचन के समय़ संबोधित करते हुए गोरखपुर के धर्माध्यक्ष थोमस थिरुतिमात्तोम
ने कहा कि आज मीडिया से जुड़े लोगों को ईमानदारी और साहसपूर्वक सत्य का प्रचार करना चाहिये।
उन्होंने इस अवसर पर संत पापा के वचनों पर बल देते हुए कहा का आज हमारा मिशन मीडिया
के बिना प्रभावकारी नहीं हो सकता। इस सेमिनार के दरमियान उन संस्थाओं और व्यक्तिगत
प्रतिभाओं को पुरष्कृत भी किया गया जिन्होंने हाल के वर्षों में समाज के लिये विशेष योगदान
दिये हैं । डॉ. नीरज़ा माधव को कला संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपू्र्ण
योगदान के लिये पुरस्कृत किया गया। और फिल्म निदेशक एसबीडी फादर जोसेफ पुलिन्तन्त
को उनकी दो पुरस्कृत फ़ीचर फिल्मों के लिये भी सिगनिस इंडिया के अध्यक्ष जेस्विट फादर
रपई ने पुरस्कार प्रदान किये। ज्ञात हो कि सिगनिस मीडिया कर्मियों का एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय
संगठन है जिसमें 140 राष्ट्र इसके सदस्य हैं। यह भी विदित हो कि वर्ल्ड सिगनिस के अध्यक्ष
भारतीय मूल के अगुस्टिन लूर्दस्वामी हैं। सिगनिस इंडिया के 300 सदस्य हैं। ' ओसीआईसी
उन्डा ' नामक दो मीडिया संगठनों के एकीकृत होने के बाद यह सस्था विगत 6 वर्षों से सिगनिस
के नाम से कार्य कर रही है जिसका शाब्दिक अर्थ है एक ऐसी ज्वाला जिसका मिशन ही है प्रकाशित
करना।