देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, रविवार पन्द्रह फरवरी को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश
विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने
देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से
पूर्व दिये गये संदेश में कहाः-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
इन रविवारों
को सुसमाचार लेखक संत मारकुस हमारे चिंतन के लिए अनेक चमत्कारों और चंगाई की घटनाओं को
अर्पित करते हैं। आज वे एक विशेष घटना को प्रस्तुत करते हैं और वह है एक कुष्ठ रोगी की
चंगाई का जो येसु के पास आता है, घुटने टेककर अनुनय विनय करते हुए कहता हैः- आप चाहें,
तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं। येसु को तरस हो आया। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका
स्पर्श किया- मैं यही चाहता हूँ शुद्ध हो जाओ। वह व्यक्ति उसी क्षण चंगा हो गया और ईसा
ने उससे कहा कि किसी से कुछ न कहो, जा्कर अपने को याजकों को दिखाओ और अपने शुद्धी्करण
के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ। चंगा हो गये कोढ़ी के लिए चुप रहना मुश्किल
हो गया। वह खुलकर इसकी चर्चा करने लगा। सुसमाचार लेखक कहते हैं कि येसु के लिए प्रकट
रूप से नगरों में जाना असंभव हो गया फिर भी लोग चारों ओर से येसु के पास आते थे।
येसु
कुष्ठ रोगी से कहते हैं शुद्ध हो जाओ। प्राचीन यहूदी संहिता के अनुसार कुष्ठ रोग न केवल
बीमारी लेकिन अशुद्धता का सबसे गंभीर रूप माना जाता था। यह पुरोहितों का दायित्व था कि
वे कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर उसे अशुद्ध घोषित करें। इसके बाद इस व्यक्ति
को समुदाय और नगरों से दूर रहना होता था जबतक कि उसे चंगा घोषित नहीं कर दिया जाये। कुष्ठ
रोग एक प्रकार से धार्मिक और नागरिक मृत्यु थी और इस बीमारी से चंगाई पाना पुनरूत्थान
के समान था। हम कुष्ठ रोग में पाप का संकेत देख सकते हैं जो कि वास्तव में दिल की अशुद्धता
है हमें ईश्वर से दूर कर देती है। यह वास्तव में शारीरिक बीमारी नहीं जो कि हमें उनसे
दूर करती है जैसा कि प्राचीन नियमों में कहा गया है लेकिन पाप आध्यात्मिक और नैतिक बुराई
है। इसलिए भजनकार कहते हैं- धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा हुआ है, जिसका पाप मिट गया
है। और फिर वह ईश्वर की ओर अभिमुख होकर कहता है मैंने तेरे सामने अपना पाप स्वीकार किया,
मैंने अपना दोष नहीं छिपाया। मैं प्रभु के सामने अपना अपराध स्वीकार करूँगा तब तूने मेरे
पाप का दोष मिटा दिया।
हम जो पाप करते हैं वह हमें ईश्वर से दूर कर देता है
और यदि हम इन्हें ईश्वर की दिव्य करूणा पर भरोसा करते हुए विनम्रतापूर्वक नहीं स्वीकार
करते हैं तब ये अंततः आत्मा की मृत्यु लाते हैं। इस चमत्कार का प्रभावकारी सांकेतिक मूल्य
है। जैसा कि नबी इसायस ने भविष्यवाणी किया था कि येसु प्रभु के सेवक हैं जो हमारे ही
रोगों को अपने ऊपर लेता था और हमारे ही दुःखों से लदा हुआ था। अपने दुःखभोग में वे कुष्ठ
रोगी के समान बन जायेंगे, हमारे पापों के द्वारा अशुद्ध, ईश्वर से अलग। यह सब वे प्रेम
की खातिर, हमारे लिए पुर्नमिलन, क्षमा और मुक्ति के लक्ष्य को ध्यान में रखकर करेंगे।
पापस्वीकार संस्कार में क्रूसित और पुर्नजीवित येसु अपने पुरोहितों के द्वारा अपनी असीमित
दया से हमें शुद्ध करते हैं। स्वर्गीय पिता और हमारे बंधुओं के साथ हमारी सामुदायिकता
की पुनर्स्थापना करते हैं और हमारे लिए अपने प्रेम, आनन्द और शांति का उपहार बनाते हैं।
अतिप्रिय भाईयो और बहनो, हम माता मरियम की मध्यस्थता की याचना करें जिन्हें ईश्वर
ने पाप के हर दाग से सुरक्षित रखा ताकि पाप से बचने में वे हमारी सहायता करें और पापस्वीकार
संस्कार, क्षमा के संस्कार को हम बारम्बार ग्रहण करें हमारे ख्रीस्तीय जीवन के लिए जिसके
महत्व और मूल्य की आज पुर्नखोज करने की आवश्यकता है।
इतना कहकर संत पापा ने अपना
संदेश समाप्त किया। उन्होंने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने के बाद तीर्थयात्रियों
को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।