वाटिकन सिटीः एलुआना की मृत्यु अन्तिम शब्द नहीं, वाटिकन प्रवक्ता
इटली में 17 वर्षों तक वर्घीकाय रहने के बाद सोमवार को एलुआना एन्ग्लारो नामक एक 38 वर्षीय
महिला की मृत्यु हो गई।
ग़ौरतलब है कि सन् 1992 में एक कार दुर्घटना के बाद से
एलुआना बेहोशी की हालत में थी तथा मशीनों से उसे भोजन और जल उपलब्ध कराकर ज़िन्दा रखा
जा रहा था। एलुआना को इस हालत में ज़िन्दा रखा जाये अथवा उसके जीवन का अन्त कर दिया जाये
इसे लेकर इटली में राजनैतिक बहस चल गई थी। काथलिक कलीसिया के साथ मिले दक्षिणपंथियों
ने एलुआना के लिये जीने का अधिकार मांगा था जबकि वामपंथियों का कहना था कि 17 वर्षों
से वर्घीकाय शरीर को मशीनों द्वारा ज़िन्दा रखना मानवीयता नहीं है। इसी बहस के चलते शुक्रवार
से बेहोशी का हालत में पड़ी एलुआना को भोजन देना बन्द कर दिया गया था जिसकी सोमवार सन्ध्या
मृत्यु हो गई।
वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने एलुआना की मृत्यु
पर एक वकतव्य जारी कर कहा कि एलुआना वह व्यक्ति है जो विगत माहों में हमारे जीवन का अखण्ड
भाग बनी तथा जिसके प्रति हमारा हृदय स्नेह से भर उठा। अब जब एलुआना शांति में हैं हमारी
मंगलकामना है कि उनका प्रकरण ज़िम्मेदारपूर्ण चिन्तन को प्रेरित करेगा ताकि समाज के दुर्बलतम
लोगों को सब सुविधाओं के सहित प्रेमपूर्वक उनके जीवन का सम्मान करते हुए जीवन के अन्तिम
पड़ाव तक ले जाया जा सके।
स्मरण रहे कि काथलिक कलीसिया गर्भ के प्रथम क्षण से
लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक जीवन के सम्मान की शिक्षा देती है।