चुनाव घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये - एआईसीसी
नई दिल्ली, 7 फरवरी, 2009। अखिल भारतीय क्रिश्चियन परिषद् ने राजनीतिक पार्टियों से माँग
की है कि उनके पार्टी की चुनाव घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रदान की जाये। इससे न केवल अल्पसंख्यकों को सुरक्षा होगी वरन् देश की मर्यादा और
संविधान में निहित इसका धर्मनिर्पेक्ष स्वरूप सुरक्षित रहेगा। उक्त बात की जानकारी
परिषद् के सचिव जोन दयाल ने सीबीसीआई समाचार को दी। उनका मानना है कि बीते साल ईसाइयों
पर अतिवादियों के द्वारा किये गये हमलों और आगजनी की भयंकरता के मद्देनज़र राजनीतिक पार्टियाँ
इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे। ज्ञात हो कि गत वर्ष ईसाई विरोधी हिंसा से उड़ीसा
के कंधमाल जिलों, कर्नाटक मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में कई लोग मारे
गये थे और करीब पचास हज़ार लोगों को शर्णार्थी के रूप में जीवन जीने को मजबूर होना पड़ा
था। परिषद् ने उत्तरप्रदेश की मुख्य मंत्री और दलितों की अग्रणी नेता मायावती से
भी आग्रह किया है कि वे भी यह आश्वासन दें कि दलित ईसाइयों को दलितों का दर्जा देंगी
और उनके लिये वे सब सुविधायें उपलब्ध करायेंगी जो अन्य दलितों को दिया जाता है। परिषद्
यह भी माँग की है कि दलितों के लिये अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलें जायें। फादर
जोन दयाल ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकारों से यह भी माँग की है कि ईसाइयों को चुनाव
के लिये गठित विभिन्न आयोगों और संगठनों में उचित प्रतिनिधित्व भी दे ।