सामाजिक समाकलन की कुँजी अनुभवों की शेयरिंग करना है
सोशल इंटीग्रेशन अर्थात् सामाजिक समाकलन का प्रसार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के
सहदयता और पूरकता का प्रसार करने के प्रस्ताव का वाटिकन स्वागत करता है। संयुक्त राष्ट्र
संघ में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिल्योरे ने गुरूवार
को संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक और सामाजिक समिति के सत्र के सम्बोधित कर ते हुए इस
बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की अभिव्यक्ति के रूप में सामाजिक
सम्बद्धता ऐसी स्थिति है जो प्रत्येक व्यक्ति की मानवीय मर्यादा के कारण सब लोगों के
लिए सुनिश्चित होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त यह ऐसी अपरिहार्य शर्त है जो आज मानवजाति के
सामने प्रस्तुत वैश्विक संकट का सामना करने के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा वाटिकन
को प्रसन्नता है कि सामाजिक समाकलन का प्रसार करने के लिए प्रस्तावित रणनीतियाँ ऐसे फ्रेमवर्क
से आ रही हैं जहाँ इस धारणा को अपनाया गया है कि सहदयता और पूरकता के तर्क ही निर्धनता
पर नियंत्रण पाने एवं सामाजिक, आर्थिक, नागरिक और सांस्कृतिक स्तरों में सामाजिक समूहों
और प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए उत्तम और प्रभावी है। महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि विकास योजनाओं का अंतिम लक्ष्य लोगों को ठोस संभावना प्रदान करना है कि वे
अपने जीवन एवं अपने विकास के नियंता बनें। उन्होंने कहा कि निर्धनता, असमानता और भेदभाव
के खिलाफ संघर्ष में वित्तीय सहायता या आर्थिक एवं वैधानिक सहयोग का प्राथमिक स्तर पर
कमी नहीं है लेकिन लोगों और संबंध बनानेवाले नेटवर्क की जरूरत है जो निर्धनता और अभाव
की परिस्थितयों में रहनेवालों के साथ अपने अनुभवों के आदान प्रदान करने में सक्षम हों
तथा जिन्हें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक संस्थानों से मान्यता मिले।