2009-01-28 12:05:53

वाटिकन सिटीः नाज़ी नरसंहार से इनकार के लिये परम्परावादी काथलिक दल ने सन्त पापा से क्षमा मांगी


रोम में मंगलवार को परम्परावादी काथलिक दल, "सन्त पियुस भ्रातृ संघ" के प्रमुख, धर्माध्यक्ष बर्नाड फैली ने, उनके दल के एक धर्माध्यक्ष द्वारा नाज़ी नरसंहार से इनकार किये जाने पर, सार्वजनिक रूप से, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें से क्षमा याचना की।

ग़ौरतलब है कि स्वीडन के टैलेविज़न के साथ बातचीत में सन्त पियुस भ्रातृ संघ के धर्माध्यक्ष रिचर्ड विलियमसन ने कहा था कि इस बात के कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं कि अडोल्फ हिटलर की नीतियों के तहत साठ लाख यहूदी गैस से भरे नज़रबन्दी शिविरों में मारे गये थे।

धर्माध्यक्ष विलियमसन के इस वकतव्य की, यहूदियों एवं काथलिकों द्वारा भी, सम्पूर्ण विश्व में निन्दा की गई थी तथा काथलिक कलीसिया में उनकी पुनर्वापसी पर प्रश्न उठाये गये थे। धर्माध्यक्ष विलियमसन उन चार धर्माध्यक्षों में से एक हैं जो बीस वर्ष पूर्व कलीसिया के परमाध्यक्ष की अनुमति के बिना धर्माध्यक्ष अभिषिक्त किये गये थे तथा जिन्हें ततकालीन सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने कलीसिया से बहिष्कृत कर दिया था। विगत सप्ताह सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने ख्रीस्तीयों के बीच जारी पुनर्मिलन प्रकिया के तहत उक्त धर्माध्यक्षों के बहिष्करण को रद्द कर उन्हें पुनः काथलिक कलीसिया से संयुक्त होने की अनुमति दी थी।

नाज़ी नरसंहार पर विलियमसन के वकतव्य के लिये सन्त पापा एवं सदभावना रखनेवाले सभी लोगों से क्षमा याचना करते हुए भ्रातृसंघ के प्रमुख धर्माध्यक्ष फैली ने कहा कि उनका संघ विश्वास एवं नैतिकता को छोड़कर किसी भी अन्य विषय पर बोलने के अधिकार का दावा नहीं करता। उन्होंने कहा कि गहन दुःख के साथ स्वीकार वे करते हैं कि विलियमसन के वकतव्य से संघ के नियमों का उल्लंघन हुआ है तथा हमारे मिशन को चोट पहुँची है। उन्होंने बताया कि संघ ने विलियमसन को किसी भी राजनैतिक एवं ऐतिहासिक विषय पर अपना मत प्रकट करने से वर्जित कर दिया है।











All the contents on this site are copyrighted ©.