नई दिल्लीः राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार फादर दोमनिक एम्मानुएल को
भारतीय काथलिक पुरोहित डॉ. डोमनिक एम्मानुएल को राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार
सन् 2008 के लिये चुना गया है। भारत के उपराष्ट्रपति के नेतृत्व में गठित जूरी ने दिव्य
शब्द धर्मसमाज के पुरोहित फादर दोमनिक एम्मानुएल को तथा दिल्ली स्थित लोकोपकारी संगठन
अनजुमन सैर-ए-गुल फारोशान को राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार देने का निर्णय लिया
है।
राष्ट्रीय सामुदायिक मैत्री पुरस्कार की स्थापना सन् 1964 ई. में हुई थी।
तब से यह पुरस्कार प्रति वर्ष लोगों में मैत्री एवं सदभाव स्थापित करने हेतु प्रयासरत
किसी एक व्यक्ति एवं किसी एक संगठन को दिया जाता रहा है। इस पुरस्कार के तहत विजेता व्यक्ति
को एक स्मारक पत्र के साथ साथ दो लाख रुपये नकद तथा विजेता संगठन को एक स्मारक पत्र सहित
पाँच लाख रुपये दिये जाते हैं।
57 वर्षीय फादर दोमनिक एम्मानुएल विगत कई दशकों
से विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच मैत्री एवं समझदारी को प्रोत्साहित करने के लिये प्रयास
करते रहे हैं। संचार एवं वार्ता विषय पर डॉक्टरेड की उपाधि पाने के बाद से आपने अन्तरधार्मिक
विषयों पर 14 से अधिक पुस्तकें एवं रेडियो प्रभाषण लिखें हैं। गुजरात में सन् 2002 में
हिन्दु मुसलिम झगड़ों के बाद तथा उड़ीसा में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के बाद सम्पन्न सदभावना
यात्राओं में भी आपने भाग लिया था।
पुरस्कार विजेता संगठन अनजुमन सैर-ए-गुल फारोशान
सन् साठ के दशक से ही प्रतिवर्ष "फूल वालों की सैर" जैसे उत्सवों के आयोजन द्वारा हिन्दु,
मुसलमान एवं अन्य धर्मों के बीच मैत्री और भाईचारे का प्रयास करता रहा है।