वाटिकन सिटीः नाज़ी नरसंहार से इनकार करनेवाले की टिप्पणी अस्वीकार्य
वाटिकन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि नाज़ी नरसंहार पर हाल में काथलिक कलीसिया में लौटे
धर्माध्यक्ष विलियमसन की टिप्पणी को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
वाटिकन समाचार
पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो ने अपने मुख पृष्ट पर प्रकाशित एक लेख में इस बात की पुनरावृत्ति
की कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें हर प्रकार के सामीवाद विरोधी विचारों का खण्डन करते
हैं तथा सभी काथलिकों को भी ऐसा ही करना चाहिये।
विगत सप्ताह सन्त पापा ने बीस
वर्षों पूर्व कलीसिया से बहिष्कृत ऱूढिवादी महाधर्माध्यक्ष लेफेबरे द्वारा स्थापित परम्परावादी
काथलिक दल के चार धर्माध्यक्षों के बहिष्करण को रद्द कर उन्हें पुनः माता कलीसिया से
संयुक्त होने अनुमति दी थी। किन्तु इसके तुरन्त बाद ही उक्त चार धर्माध्यक्षों में से
एक, धर्माध्यक्ष रिचर्ड विल्यमसन, द्वारा नाज़ी काल में यहूदियों के नरसंहार से इनकार
ने यहूदी जगत के रोष को भड़का दिया था। इसी के प्रत्युत्तर में वाटिकन समाचार पत्र लोस्सरवातोरे
रोमानो के लेख में कहा गया कि परम्परावादी धर्माध्यक्षों के बहिष्करण को रद्द करने का
यह अर्थ कदापि नहीं हैं कि काथलिक कलीसिया विलियमसन के विचारों से सहमत है। लेख में कहा
गया विलियमसन के विचार अस्वीकार्य हैं।
विलियमसन ने स्वीडन के टेलेविज़न को दी
एक भेंटवार्ता में कहा था कि इस बात के कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं कि अडोल्फ हिटलर
की नीतियों के तहत साठ लाख यहूदी गैस से भरे नज़रबन्दी शिविरों में मारे गये थे।
बीस
वर्षों पूर्व कलीसिया के परमाध्यक्ष से अनुमति लिये बग़ैर ऱूढिवादी महाधर्माध्यक्ष मारसेल
लेफेबरे ने चार पुरोहितों को धर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिया था जिसके कारण उन्हें कलीसिया
से बहिष्कृत कर दिया गया था।