ईराक के लिये अपनी प्रार्थना और सहायता जारी रखें- महाधर्माध्यक्ष साको
रोम, 25 जनवरी, 2009। ईराक के धर्माध्यक्षों ने अपील की है कि वे ईराक के लोगों के लिये
अपनी प्रार्थनायें और सहायता जारी रखें।
ईराक के किरकुक और चारडियन के महाधर्माध्यक्ष
लुईस साको औऱ बाबीलोन के प्रति धर्माध्यक्ष श्लेमोन बारदुनी ने संयुक्त रूप से जेनित
समाचार को बताया कि ईराक में ईसाइयों की स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हुई है और उनके पलायन
को रोक पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
ज्ञात हो ईराकी धर्माध्यक्ष अपने पंचवर्षीय
मुलाकात योजना के तहत् संत पापा से मिलने रोम आये हुए हैं। धर्माध्यक्षों ने बताया कि
ईराक में सन् 2003 के पहले आठ लाख ईसाई थे पर ईसाई विरोधी हिंसा के कारण अब उनकी संख्या
आधी हो गयी है।
धर्माध्यक्ष ने बताया कि ईराक की स्थिति के बारे में अंतरराष्ट्रीय
मीडिया के आधार पर कई लोग ईराक की मदद के लिये सामने आ रहें हैं इससे एक नयी आशा जगी
है। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की है कि ईराक में लोगों के सुरक्षा के भी उपाय हो रहे
हैं और लोग वापस भी आने लगे हैं।
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए बगदाद के
सीरियन काथलिक महाधर्माध्यक्ष अथनासे मत्ती शबा मातोका ने आशंका व्यक्त की है कि ऐसा
लगता है कि मध्यपूर्व से सब ईसाइयों को भगाने की योजना है ।
अतः वे संत पापा
से निवेदन करते हैं कि धर्माध्यक्षों की एक विशेष सभा बुलायें ताकि ईराक के ईसाइयों
के मदद के लिये कुछ कारगर कदम उठाया जा सके। धर्माध्यक्ष वारदुना ने कहा ईराक को जिस
प्रजातंत्र की आवश्यकता है वह अभी तक देश से दूर है।
ईराक की समस्या के बारे
में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ईराक की समस्या अमेरिका नहीं है पर देश के अन्दर ही विभिन्न
समुदायों के बीच का संघर्ष है।
अमेरिका के नये राष्ट्रपति की भूमिका के बारे में
बोलते हुए महाधर्माध्यक्ष साको ने कहा कि एक व्यक्ति से राजनीति पूरी तरह से नहीं बदल
जाती है।
यदि राष्ट्रपति ओबामा के अमेरिका सेना को हटाने के निर्णय को लागू किया
गया तो पूरा ईराक में अराजकता फैल जायेगी।
उन्होंने कहा कि 25 लाख लोगों को
संभालने के लिये ईराक के पास न ही पुलिस है न ही सेना।