2009-01-17 12:09:54

बच्चों की आध्यात्मिक, नैतिक और धार्मिक शिक्षा में आम लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण- प्रोफेसर जेरमिया सेमोजेरेरे


मेक्सिको सिटी, 16, जनवरी, 2009। अफ्रीका के पारंपारिक परिवारों अपने बच्चों की शिक्षा के लिये सिर्फ चर्च पर निर्भर नहीं करते हैं वे मूल्यों की शिक्षा अपने परिवार में ही देते हैं।

उक्त बातें अफ्रीकी के अर्थशास्री प्रोफेसर जेरमिया सेमोजेरेरे ने उस समय कहा जब वे मेक्सिको में चल रहे विश्व परिवार सम्मेलन में बोल रहे थे।

युगांडा निवासी प्रोफेसर जेरमिया ने बच्चों की शिक्षा में परिवार की भूमिका के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पारिवार की भूमिका के साथ-साथ स्थानीय संस्थायें और संवैधानिक ढाँचा भी इस संबंध में अपना विशेष स्थान रखते हैं।

उन्होंने बच्चों की शिक्षा के बारे बोलते हुए यह भी कहा कि स्थानीय वातावरण भी बच्चे के जीवन के अच्छा और बुरा बनने के लिये जिम्मेदार है।

बच्चों की शिक्षा के बारे में बल देने के साथ उन्होंने इस बात के लिये चिंता भी जतायी कि कई परिवारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी बच्चों के शिक्षण प्रशिक्षण में नकारात्मक या साकारात्मक योगदान देती है।

श्रीमती सेमोजेरेरे इस बात पर बल दिया कि काथलिक कलीसिया की शिक्षा और युगांडा के परिवारों के द्वारा जा रही पारंपारिक मूल्यों में गहरा संबंध है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यदि सरकारी तंत्र भी नीति निर्धारण और उसे लागू करने में सक्रियता दिखाएँगे तो अवश्य ही बच्चों को मूल्यो के बारे में उचित शिक्षा दी जा सकती है।

उन्होंने बताया कि युगांडा की सरकार ने इस संबंध में उचित संवैधानिक ढाँचे बनाये हैं जिसके आधार पर बच्चों परिवारों में ही उचित संस्कार दिया जा सकता है।

श्रीमती सेमोजेरेरे ने इस बात पर बल दिया कि बच्चों की आध्यात्मिक नैतिक और धार्मिक शिक्षा में आम लोगों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। बच्चों की शिक्षा के लिये लोकधर्मियों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।








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