जिनेवा, स्विट्जरलैंड: वाटिकन के धर्माधिकारी के अनुसार मध्यपूर्व में हिंसा के चक्र
को तोड़ने के लिये हस्तक्षेप आवश्यक
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालयों में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष
सिलवानो तोमासी ने कहा कि मध्य पूर्व में युद्धरत दलों को अंतरराष्ट्रीय मदद की ज़रूरत
है क्योंकि अपने दम पर वे हिंसा के चक्र से बाहर नहीं निकल सकते।
विगत शुक्रवार
को गाजा पट्टी में जारी संघर्ष पर बोलते हुए महाधर्माध्यक्ष सिलवानो तोमासी ने सैन्य
हमले की वजह से पीड़ित फिलीस्तीनी एवं इसराएली लोगों के प्रति परमधर्मपीठ की एकात्मता
व्यक्त की।
यह बताते हुए कि संघर्ष की समाप्ति हेतु सर्वत्र प्रार्थनाएं अर्पित
की जा रहीं हैं महाधर्माध्यक्ष ने धार्मिक नेताओं के इस विश्वास को अभिव्यक्त किया कि
हिंसा और रक्तपात शांति एवं न्याय की ओर नहीं ले जायेंगे बल्कि इससे इसराएलियों एवं फिलीस्तीनियों
के बीच और अधिक वैमनस्यता एवं घृणा पोषित होगी।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि अब
यह स्पष्ट हो गया है कि युद्धरत दल अपने बल पर हिंसा को रोकने असमर्थ हैं इसलिये यह आवश्यक
है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए रक्तपात को रोकने के लिए हस्तक्षेप
कर सक्रिय भूमिका अदा करे तथा पीड़ितों को आपात लोकोपकारी सहायता मुहैया कराये। साथ ही,
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यह भी आवश्यक है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय इसराएली फिलीस्तीनी
संघर्ष के मूल कारणों की तह तक पहुँचे तथा एक स्थायी समाधान की रूपरेखा के भीतर उन्हें
सुलझाने के लिये कृतसंकल्प होवे।