ग़ज़ा की स्थिति भयंकर और मानव मर्यादा के विरुद्ध - कार्डिनल रेनातो
रोम, 9 जनवरी, 2009। वाटिकन के एक उच्चाधिकारी कार्डिनल रेनातो मार्टिनो की उस टिप्पणी
पर कि ग़जा की स्थिति एक कोनसेनट्रेशन कैम्प के समान दिखाई पड़ती है इस्राएल ने आपत्ति
जतायी है। ज्ञात हो कि बुधवार को कार्डिनल रेनातो का एक साक्षात्कार छापा गया था
जिसमें उन्होंने उक्त टिप्पणी की थी। कार्डिनल रेनातो शांति और न्याय के लिये परमधर्मपीठीय
समिति के अध्य़क्ष हैं। इस्राएल के विदेश मामलों के प्रवक्ता यिगल पाल्मोर ने कार्डिनल
के वक्तव्य आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि एक धर्मगुरु के मुख से ऐसी बातें उचित
नहीं जँचती। कार्डिनल ने जिस शब्द का प्रयोग किया है वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय किया
गया था। इस्राएल और पलीस्तीन के संघर्ष से उत्पन्न स्थिति को कोन्सेन्ट्रेशन कैम्प
या नज़रबन्दी शिविर कहना उचित नहीं हैं। कार्डिनल रेनातो ने अपने पक्ष को साफ करते
हुए कहा है कि वे हमास के द्वारा रोकेटों के हमलों की आलोचना करते हैं और यही कहना चाहते
हैं कि ग़ज़ा की स्थिति भयंकर और मानव मर्यादा के विरुद्ध है। उधर वाटिकन के प्रवक्ता
फादर फेदिरिको लोम्बार्डी ने कहा कि कार्डिनल की टिप्पणी में उचित शब्दों का प्रयोग
नही किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्डिनल रेनातो इस संबंध में वाटिकन के
आधिकारिक प्रवक्ता भी नहीं हैं। फादर लोम्बार्डी ने कहा कि वे मानते हैं कि कार्डिनल
रेनातो की टिप्पणी लोगों को आलोकित करने के बदले में उन्हें भ्रमित किया है।
संत
पापा के प्रवक्ता ने इस बात को भी याद दिलाया कि संत पापा तो चाहते हैं कि किसी भी समस्या
का समाधान सौहार्दपूर्वक हो। संत पापा ने गुरुवार को राजदूतों को दिये अपने संबोधन
में कहा था कि हथियारों से कोई भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। इस बीच वाटिकन
के लिये इस्राएल के राजदूत मोरदेचेयाय लेवी ने कहा है कि इस रिश्तों में थोडी़ कटुता
आने का संत पापा की आगामी यात्रा का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। ज्ञात हो कि
संत पापा आगामी मई में इस्राएल की यात्रा करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संत पापा
की भाषा और उसकी आशायें राजनीति की भाषा से अलग है।