भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने उड़ीसा में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने
संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने उड़ीसा में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने
संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। हाल में कुछ असमाजिक तत्वों ने ईसाई
समुदाय को अपना निशाना बनाया है। सीबीसीआई के अध्यक्ष कार्डिनल वर्की वित्याथिल ने कहा
कि देश की न्यायपालिका पर ईसाई समुदाय का सदैव भरोसा रहा है क्योंकि जब भी अल्पसंख्यकों
के अधिकारों की रक्षा का मामला सामने आया है यह अग्रिम पंक्ति में रही है। उन्होंने कही
कि् मुख्य न्यायधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षतावाली पीठ के प्रति कृतज्ञता ज्ञाप्ति
करते हैं जिन्होंने कहा है कि अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा स्पष्ट रूप से
राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। सीबीसीआई के महासचिव महाधर्माध्यक्ष स्तानिस्लास फर्नान्डेस
ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से देश में ईसाई समुदाय और विशेष रूप से उड़ीसा में
जहाँ अगस्त 2008 में चरमपंथी समूहों द्वारा हमला करने के कारणलगभग 60 हजार लोग पलायन
करने को विवश हुए हैं उन्हें राहत मिली है। अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह
राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनैतिक दृढ़ता
का परिचय देते हुए तेज गति से काम करे। उन्होंने कहा कि न्याय पाने की हमारी आशा है,
राज्य सरकार सम्पत्ति की क्षतिपूर्ति करेगी तथा हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों
और घायलों को पर्य़ाप्त मुआवजा दिया जायेगा।