2008-12-27 12:48:12

हम एकता के सूत्र में बँधकर एक-दूसरे का सम्मान करते हुए शांति के साथ जीना सीखें – महाधर्माध्यक्ष चीनाथ


भुवनेश्वर, 27 दिसंबर, 2008। भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफाएल चीनाथ ने कहा है कि येसु का जन्म दिन न पूरी दुनिया के लिये खुशी का संदेश लेकर आया है विशेषकरके उन लोगों के लिये जो कंधमाल के शर्णार्थी शिविरों में दुःख और तकलीफ झेल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि उड़ीसा का यह छोटा-सा जिला कंधमाल ने विश्व को एक नये प्रकार की एकता के लिये आमंत्रित कर रहा है जिसमें वे सब लोग शामिल होंगे जो दुनिया के लिये भला कार्य करना चाहते हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने आगे कहा कि उन्हें कंधमाल के शर्णार्थी कैंपों में रह रहे लोगों के साथ सहानुभूति है। इसमें न केवल ईसाई शामिल हैं पर हिंदु ईसाई आदिवासी और दलित सब लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आज कंधमाल के लोगों को चाहिये के वे एक होकर चुनौतियों का सामना करें और शांति के लिये कार्य करें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हर व्यक्ति शांति की खोज करता है।
हर व्यक्ति का अंतःकरण शांति की सतत् खोज में लगा रहता है। आज ज़रुरत है कि हम एकता के सूत्र में बँध जायें और एक-दूसरे का सम्मान करते हुए शांति के साथ जीना सीखें।
धर्माध्यक्ष ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे शर्णार्थी कैंपों में रह रहे लोगों को येसु के जन्म पर्व के अवसर पर संदेश दे रहे थे।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने विश्व के उन सब लोगों और संस्थाओं को भी धन्यवाद दिया औऱ कहा कि कंधमाल में भड़की ईसाई विरोधी हिंसा ने एक नये समाज की रचना की नींव ड़ाली है जिसमें इसने उन लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है जो न्याय और शांति के लिये कार्य करना चाहते हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि शान्ति अगर न्याय की नींव पर खड़ा हो तो यह कभी भी ध्वस्त नहीं हो सकती है। और यह भी सत्य है कि शांति की ही जीत होगी औऱ हिंसा हार जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 13 हज़ार लोगों को येसु के जन्म दिन के अवसर पर भोजन खिलाया गया। ज्ञात हो कि सितंबर महीने में हुए हिसा के बाद करीब 50 हज़ार लोग अब भी कैपों में जीवन कर रहे हैं।








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