युवाओं को मानवों मुल्यों के बारे में शिक्षा दी जायेः पोप
वाटिकन सिटी, 21 दिसंबर, 2008। ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने
कहा है कि युवाओं को न केवल विचारों के बारे में ज्ञान दिया जाये पर मानव मूल्यों के
बारे में शिक्षा दी जाये ताकि मानव मूल्यों के आधार में विश्व का नवनिर्माण संभव हो पायेगा।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब बेलिजन के लिये वाटिकन के नये राजदूत ऑस्कार
अयूसो ने संत पापा को अपना प्रत्यय पत्र को प्रस्तुत किया। संत पापा ने इस अवसर पर
कहा कि बेलिजिन वासियों का इतिहास गौरवमयी रहा है और उन्हें चाहिये कि वे इसे सुरक्षित
रखें और साथ ही युवाओं को उन मूल्यों को प्रदान करें जिससे समाज की मर्यादा बनी रहे।
संत पापा ने आगे कहा कि आज बेलिजियन वासियों के लिये चुनौति का समय है। जिन मूल्यों
और सिद्धांतों ने बेलिजिन की नींव को मजबूत किया आज उन्हें आज की नयी संस्कृति चुनौति
दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी समाज से भटक जा रही है हिंसा और नशीली
पदार्थों का शिकार बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होना जारी रहा तो यह
न केवल समाज के लिये पर पूरे विश्व के लिये घातक होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलीसिया
को चाहिये वह युवाओं को इस बात के लिये मदद करे कि वे सुसमाचार के शब्दों से जीवन के
मूल्यों को पहचानें और एक ऐसे समाज के निर्माण के लिये युवाओं को प्रेरित करें जो शांति
प्रेम और न्याय हो। इस अवसर पर पोप ने कहा कि इस कार्य की शुरुआत परिवारों में
ही होनी चाहिये। उन्होंने याद दिलाया कि शांति दिवस के अपने संदेश में उन्होंने पहले
ही कहा था कि वे परिवार ही मानव की प्रथम पाठशाला है। उन्होंने कहा कि परिवार को
चाहिये कि युवाओं को पारिवारिक मूल्यों वैवाहिक जीवन की अखंडता और पवित्रता और मानव
जीवन के मह्त्ता के बारे में बतायें ताकि जीवन की रक्षा हो सके। संत पापा ने आशा
व्यक्त की है कि पारिवारिक और मानव मूल्यों की रक्षा से ही पूरे विश्व में शांति आयेगी
और सबकी प्रगति संभव हो पायेगी।