मानवाधिकार, यौन उन्मुखता एवं लैंगिक अस्मिता संबंधी उदघोषणा पर वाटिकन की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा के 63 वें सत्र में मानवाधिकार, यौन उन्मुखता एवं
लैंगिक अस्मिता पर प्रस्तुत दस्तावेज में समलैंगिकों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा
की निन्दा करने तथा उनके खिलाफ सब प्रकार की आपराधिक सज़ा को समाप्त करने के लिए जरूरी
कदम उठाने हेतु राष्ट्रों से किये गये आग्रह की वाटिकन सराहना करता है। वाटिकन प्रतिनिधि
ने आगाह किया है कि इस उदघोषणा के शब्द ऊपर वर्णित और साझा मकसद से कहीं अधिक बयान करते
हैं। विशिष्ट रूप से यौन उन्मुखता और लैंगिक अस्मिता जिनका दस्तावेज में उल्लेख किया
गया है इनके बारे में अंतरराष्ट्रीय विधान में कहीं भी स्पष्ट मान्यता और सहमतिपूर्ण
परिभाषा नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि उदघोषणा में समलैंगिक व्यक्तियों की किसी भी
प्रकार की हिंसा से रक्षा और हिंसा की जायज निन्दा के बावजूद जब दस्तावेज पर इसकी सम्पूर्णता
में विचार किया जाता है तो यह अपने लक्ष्य से कहीं अधिक व्यापक है और कानून में अनिश्चितता
उत्पन्न करता एवं मानवाधिकार संबंधी पहले से विद्यमान नियमों को चुनौती देता है। वाटिकन
प्रतिनिधि ने कहा कि समलैंगिक प्रवृत्तिवाले व्यक्तियों के विरूद्ध किसी भी प्रकार के
अन्यायपूर्ण भेदभाव से दूर रहा जाना चाहिए तथा सम देशों से आग्रह है कि समलैंगिक उन्मुखता
वाले व्यक्तियों के विरूद्ध किसी भी प्रकार के आपराधिक दंड को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।