नई दिल्लीः ख्रीस्तीयों ने उड़ीसा में कानून और व्यवस्था कायम करने की मांग की
नई दिल्ली में महाधर्माध्यक्ष विन्सेन्ट कॉनचेसाओ के नेतृत्व में पाँच सदस्यीय ख्रीस्तीय
शिष्टमण्डल ने केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदाम्बरम के समक्ष एक ज्ञापिका प्रस्तुत कर उड़ीसा
में कानून और व्यवस्था कायम करने की मांग की। उड़ीसा तथा भारत के अन्य राज्यों में विशेष
कर क्रिसमस महापर्व के दिनों में ख्रीस्तीयों को सुरक्षा प्रदान करने का उन्होंने आव्हान
किया। ख्रीस्तीय शिष्टमण्डल ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि कँधमाल ज़िले
में शरणार्थियों की संख्या 24,000 थी जो अब 11,000 हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि
कँधामाल में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होने की वजह से शरणार्थी अपने घरों को लौट गये
हैं किन्तु ख्रीस्तीय संगठनों का कहना है कि शरणार्थी शिविरों का परित्याग करनेवाले लोग
अपने घरों को लौटने के बजाय, हिंसा के भय से, अन्यत्र पलायन कर गये हैं। उन्होंने कहा
कि ख्रीस्तीयों के विरुद्ध अभी भी हिंसा जारी है तथा उन्हें बलपूर्वक हिन्दु बनाया जा
रहा है। हिन्दु न बनने वाले ख्रीस्तीयों को न तो उनके घर और न ही उनके खोतों पर लौटने
दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ख्रीस्तीयों को उनके ही खेतों से चावल की फसल
काटने की अनुमति नहीं दी जा रही है और यह सिर्फ इसलिये कि वे हिन्दु धर्म अपनाने के लिये
तैयार नहीं हैं। बच्चों एवं विद्यार्थियों की स्थिति बदत्तर बताई गई है जो स्कूलों
में जाने के बजाय शरणार्थी शिविरों में जीवन यापन कर रहे हैं जहाँ भोजन, जल, कम्बल आदि
सभी प्राथमिक आवश्यकताओं की नितान्त कमी बनी हुई है। ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा को रोकने,
हिंसा भड़कानेवाले हिन्दु अतिवादी नेताओं पर न्यायिक कार्रवाई करने तथा चरमपंथियों द्वारा
क्रिसमस पर बुलाये गये बन्द को रद्द करने की, ख्रीस्तीय शिष्टमण्डल ने, मांग की। उन्होंने
मांग की कि उड़ीसा में विगत माहों हुई हिंसक घटनाओं तथा स्वामी सरस्वती की हत्या की,
सी.बी.आई. द्वारा, जाँच की जाये। इस बीच, बताया जाता है कि पुलिस ने स्वामी सरस्वती जी
की हत्या के सिलसिले में सात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है।