चर्च के तीन प्रतिनिधि पहली बार मध्यप्रदेश विधान सभा में
जबलपुर, 12 दिसंबर, 2008। मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव में चर्च के तीन प्रतिनिधियों
ने विजय हासिल की है। चर्च के नेताओं ने इस विजय का गर्मजोशी से स्वागत किया है और इस
विजय को चर्च के राजनीतिक योगदान लिये महत्वपूर्ण मान रहा है।
भोपाल के महाधर्माध्यक्ष
ने लेओ कोरनेलियो ने कहा है कि यह विजय इस बात को दिखाता है कि लोगों का ईसाइयों पर
आस्था है और इसी लिये हिंदु बहुल क्षेत्रों से भी चर्च के प्रतिनिधियों को सफलता हासिल
हुई है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में हुए विगत 27 नवम्बर में विधान सभा चुनाव
में 3179 में 13 प्रतिनिधि ईसाई थे और उसमें तीन ईसाइयों को सफलता हासिल हुई है।
विधायक
जेवियर मेडा, जोसेफ पचियल मेडा और रतनेश सोलोमोन तीनों ने काँग्रेस पार्टी के टिकट से
चुनाव लड़ा था।
भारतीय जनता पार्टी फिर से राज्य में सत्ता में आयी है जिसे 230
सदस्यों वाली विधानसभा में 143 सीट मिली और काँग्रेस को 71 सीट मिले जो विपक्षी पार्टी
के रूप में कार्य करेगी।
6 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में ईसाइयों की जनसंख्या
2 लाख मात्र है। यहाँ 91 फीसदी लोग हिन्दु हैं और 6 फीसदी लोग मुसलमान हैं।
धर्माध्यक्ष
जेराल्ड अलमेडा ने ईसाई महासंघ की तारीफ करते हुए कहा कि विधान सभा में तीन ईसाई प्रतिनिधियों
का विजयी होने के पीछे ईसाई महासंघ का बहुत बड़ा योगदान है।
ज्ञात हो कि पहली
बार ईसाई प्रतिनिधि मध्य प्रदेश विधान सभा में अल्पसंख्यकों के हित के लिये आवाज़ उठा
पायेंगे।
महासंघ के संयोजक आनन्द मुतुन्गल ने आशा व्यक्त की है कि आने वाले
दिनों में संघ युवाओं में राजनीतिक चेतना जगाने के लिये कार्य करेगा और ईसाइयों की एकता
को मजबूत करेगा।