2008-12-15 15:04:12

आदिवादिसों के विस्थापन पर बनी फिल्म अन्तरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल


कोची,15 दिसंबर,2008। आदिवादिसों के विस्थापन की समस्या पर सलेशियन फादर जोसेफ पुलिन्थानाथ द्वारा निर्देशित फिल्म ' यारवंग ' अर्थात् ' जड़ ' को अन्तरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिये चुन लिया गया है। यह फिल्म महोत्सव 12 से 19 दिसंबर तक चलेगी।

पंजिम मे हाल में फिल्म महोत्सव में गोवा के सूचना एवं प्रसारण मंत्री आनन्द शर्मा ने इस फिल्म की बहुत तारीफ करते हुए कहा कि यह देश की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है।

95 मिनट की यह फिल्म त्रिपुरा के आदिवासियों की विस्थापन की समस्या पर आधारित है। इस फिल्म को कोकबोरोक भाषा में बनाया गया है पर फिल्म में अंग्रेजी उपशीर्षक दिये गये हैं ।

फिल्म के निदेशक फादर जोसेफ ने बताया कि इस फिल्म की कहानी में 30 साल पहले आदिवासियों के विस्थापन की दुर्दशा की गाथा है जिसका उन्हें व्यक्तिगत अऩुभव था।

उन्होंने बताया कि जब सन् 1976 ईस्वी में राज्य के गोमती नदी हाइड्रोपावर स्थापित किया गया तब करीब 46.34 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में पानी फैल गया था। इससे करीब 60 हज़ार लोग बेघर-बार हो गये थे। सरकार ने 12 हज़ार परिवारों में से सिर्फ 2, 560 परिवारों को ही पुनर्स्थापित कर पाया।

उन्होंने यह भी बताया कि जब इस फिल्म का प्रीमियर शो हुआ तब त्रिपुरा के दो मंत्रियों ने यह कह कर इस की तारीफ की कि काथलिक कलीसिया का आदिवासियों और उनकी संस्कृति को बचाने की दिशा में यह ठोस कदम है।.

इतना ही नहीं इसे कोरबोरोक भाषा में बना कर फादर जोसेफ ने इस भाषा को लोगों के लिये प्रस्तुत किया है। इसलिये इसे भाषा को बचाने की दिशा में एक अनुपम प्रयास माना जाना चाहिये।

कई बार हिन्दु अतिवादियों ने ईसाई मिशनरियों पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वे आदिवासियों की संस्कृति का नाश कर रहे हैं।

फादर जोसेफ ने बताया कि इस फिल्म को बनाने में 2 करोड़ सात लाख रुपयों की लागत आयी है। और इसे बनने में चार साल लगे।








All the contents on this site are copyrighted ©.