2008-12-12 16:05:02

ताईवान के विश्वासी मसीही विश्वास, आशा और प्रेम में दृढ़ बने रहें


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वे ने ताईवान धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर शुक्रवार को सम्बोधित करते हुए ताईवान के विश्वासियों को मसीही विश्वास, आशा और प्रेम में दृढ़ बने रहने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया। ताईवान में सुसमाचार प्रचार की 150 वीं बर्षगांठ समारोह का स्मरण करते हुए संत पापा ने कहा कि यह अवसर कलीसिया की सामान्य प्रेरिताई का प्रसार करने के लिए विश्वासियों के मध्य एक दूसरे के साथ सहयोग तथा ईश्वर के साथ संबंध को और अधिक दृढ़ता से प्रदर्शित करे। धर्माध्यक्षों के मेषपालीय प्रेरिताई की सराहना करते हुए संत पापा ने पुरोहितों के सतत प्रशिक्षण पर बल दिया ताकि वे अपने मिशन को निष्ठा और उदारता के साथ स्वीकार करें। ये प्रशिक्षण कार्य़क्रम पुरोहितों की आयु, जीवन परिस्थिति और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किये जायें। इसके साथ ही संत पापा ने त्रित्वमय ईश्वर के साथ विश्वासियों के क्रमिक और प्रगतिशील विकास हेतु धर्माध्यक्षों को धर्मशिक्षा की तैयारी को प्राथमिकता प्रदान करने का परामर्श दिया। प्रभावी धर्मशिक्षा मजबूत परिवारों का निर्माण करती है जहाँ नये पौरोहितिक बुलाहटों को उत्पन्न होने का अवसर मिलता है। परिवार रूपी संस्थान और विवाह की पवित्रता की रक्षा करने के लिए वैध नागरिक विधानों और नीतियों का समर्थन करने के साथ ही अप्रवासियों के अधिकारों और जरूरतों के प्रति विशेष ध्यान देने का संत पापा ने धर्माध्यक्षों को परामर्श दिया। उन्होंने ताईवान के धर्माध्यक्षों और विश्वासियों का आह्वान किया कि वैध व्यवस्थित समाज में एक व्यक्ति को निष्ठावान काथलिक और एक भला नागरिक बनने से नहीं डरना चाहिए। उनकी प्रार्थना है कि महान चीनी काथलिक परिवार के सदस्य रूप में ताईवान के विश्वासी चीन की मुख्य भूमि के बंधुओं के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़े रहेंगे।








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