भारत-पाक तनाव को कम करने के उद्देश्य से राइस भारत पहुँची
मुंबई में विगत सप्ताह के आतंकवादी हमलों के बाद स्थिति का जायज़ा लेने अमरीकी विदेशमंत्री
कोंडोलीज़ा राइस बुधवार को नई दिल्ली पहुँची जहाँ उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाक़ात की। मुम्बई के छत्रपति शिवाजी टरमिनस रेलवे
स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, यहूदी केन्द्र नरीमन हाऊस, पाँच सितारा ऑबेरॉय-ट्राईडेन्ट तथा
ताजमहल पैलेस होटेल पर किये आतंकवादी हमलों में 171 लोगों की जानें गई हैं जिनमें छः
अमरीकी नागरिक भी शामिल थे। भारत ने आक्रमणों के लिये पाकिस्तान के लश्कर-ए-तायबा
का हाथ बताया है तथा पाकिस्तान से मांग की है कि वह देश में मौजूद सभी आतंकवादी प्रशिक्षण
केन्द्रों एवं ढाँचों को निरस्त करे। भारत सरकार ने कुछेक आतंकवादियों की सूची प्रस्तुत
कर उन्हें भारत के हवाले किये जाने की भी मांग की है। इसके उत्तर में पाकिस्तान ने हमलों
की जाँच में सहयोग का वादा तो किया है किन्तु कहा है कि जब ठोस सबूत सामने नहीं आते वह
किसी भी दल या व्यक्ति के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कर सकता। पाकिस्तान
की इस प्रतिक्रिया से भारत-पाक तनावों में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। भारतीय
विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि भारत ने उन व्यक्तियों को भारत के हवाले करने
के मांग की है जो भारतीय कानून के अनुसार अपराधी हैं तथा भारत से भाग कर पाकिस्तान में
बस गये हैं। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान भारत द्वारा प्रस्तुत आतंकवादियों की सूची
पर कार्यवाही नहीं करता तो सन् 2004 में शुरु हुई भारत-पाक वार्ता को जारी रखना कठिन
हो जायेगा। बीबीसी के अनुसार, भारत के बाद अमरीकी विदेशमंत्री राइस के पाकिस्तान
जाने की संभावना है। इस की यात्रा उस समय हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच बाद
सन्देह, अविश्वास और नाव उत्पन्न हो गये हैं। इन्हीं तनावों को कम करना राईस की यात्रा
का उद्देश्य है। समाचारों में बताया गया था कि अमरीकी अधिकारियों ने भारत को मुंबई
पर चरमपंथी हमलों की संभावना के बारे में बताया था लेकिन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
राष्ट्रपति जॉर्ज बुश तथा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आश्वासन दिया है
कि अमरीका मुम्बई हमलों की जाँच करने में पूर्णतः भारत के साथ है तथा उसकी हर सम्भव मदद
करने को तैयार है।